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बाबाओं के विवाद के बीच गोरखनाथ मंदिर को लेकर कुछ ऐसा बोले 'यूपी के राम'
गोरखपुर : ब्रम्हलीन गोरक्षनाथ पीठ के पूर्व महंत दिग्विजयनाथ और अवैद्यनाथ के सात दिवसीय पुण्यतिथि समारोह के समापन अवसर पर अंतिम दिन महंत अवैद्यनाथ की श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। देशभर के साधु, संतों और महंतो की मौजूदगी में आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की।
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गोरखनाथ मंदिर के दिग्यविजय नाथ स्मृति सभागार में आयोजित ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 48वीं और ब्रम्हलीन महंत अवैद्यनाथ तीसरी पुण्यतिथि के अंतिम दिन श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इस मौके पर कार्यक्रम के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, कि महंत अवैद्यनाथ समाज के सहज प्रहरी थे। इस मंदिर को कई बार अधर्मियों ने क्षतिग्रस्त किया।
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उन्होंने कहा महंत दिग्विजयनाथ सहित अन्य महंतों ने इस पीठ को बनाने में अपना योगदान दिया है। जिसे हम कभी भुला नहीं सकते, नाथ संप्रदाय वह संप्रदाय है जिसमें सेवा ही धर्म है हमारे संतो महंतों ने ऊंच नीच जात पात भेदभाव इन सभी कुरीतियों को समाज से दूर करने में अहम योगदान दिया है, और उन्हीं के पथ पर चलकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
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सीएम ने कहा ब्रम्हलीन महंत अवैद्यनाथ जी ने शिक्षा और चिकित्सा के साथ समाज को धर्म के साथ जोड़ने का काम किया पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह पीठ 55 संस्थाओं के द्वारा शिक्षा चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। राम जन्मभूमि मंदिर से जुड़े महंत अवैद्यनाथ अंतिम समय तक रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रहे। महंत अवैद्यनाथ जी मेरे गुरु थे और उन्होंने मुझसे कहा था कि स्कूल खोलो अस्पताल खोलो लेकिन समाज के लिए, व्यवसाय के रूप में नहीं सेवा के रूप में।
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इस मौके पर राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि एक आदर्श मंदिर कैसा होना चाहिए इस का जीता जागता सबूत गोरखनाथ मंदिर है। महंत दिग्विजयनाथ और अवैद्यनाथ समाज में फैली छुआछूत, जातिवाद के खिलाफ थे। हमें भी इन्हीं रास्तों पर चलकर छुआछूत और जातिवाद जैसी बीमारियों को खत्म करके उनके रास्ते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।
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