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हिंदू अनंत काल तक मंदिर का इंतजार नहीं कर सकते : वीएचपी
कार्याध्यक्ष-विश्व हिन्दू परिषद आलोक कुमार ने कहा हमने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का राम जन्म भूमि संबंधी वक्तव्य देखा। जन्मभूमि का मामला गत 69 वर्षों से न्यायालयों में चल रहा है। तथा इसकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में वर्ष 2011 से लंबित है। प्रतीक्षा की यह एक लंबी अवधि है।
नई दिल्ली : कार्याध्यक्ष-विश्व हिन्दू परिषद आलोक कुमार ने कहा हमने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का राम जन्म भूमि संबंधी वक्तव्य देखा। जन्मभूमि का मामला गत 69 वर्षों से न्यायालयों में चल रहा है। तथा इसकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में वर्ष 2011 से लंबित है। प्रतीक्षा की यह एक लंबी अवधि है।
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आलोक ने कहा मामला गत 29 अक्टूबर को सुनवाई को आया था किन्तु जिस बेंच को इसे सुना जाना था, तब तक उसका गठन नहीं होने के कारण, उसे मुख्य न्यायाधीश के पास ही सूचीबद्ध किया गया। त्वरित सुनवाई को नकारते हुए मामले को जनवरी 2019 प्रथम सप्ताह के लिए संबंधित पीठ द्वारा सुनवाई की तिथि तय करने हेतु टाल दिया गया।
उन्होंने कहा सुनवाई की तिथि तो 4 जनवरी 2019 तय हो गई किंतु बिना संबंधित पीठ के गठन के यह मामला पुन: मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में है। उस दिन की अपीलों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय कार्यालय की रिपोर्ट कहती है कि कुछ अपीलों में अपीलकर्ताओं ने मृत रेस्पोंड़ेंट्स के वारिसों को रिकार्ड पर लाने के सन्दर्भ में कोई कार्यवाही नहीं की है। पीठ का गठन अभी तक नहीं हुआ। कुछ अपीलों की प्रकियाएं भी अभी बाक़ी हैं। सुनवाई अभी भी कोसों दूर नजर आ रही है।
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कार्याध्यक्ष ने कहा, सभी पहलुओं के समग्र चिंतन के बाद विश्व हिन्दू परिषद् का स्पष्ट मत है कि हिंदू समाज से अनंत काल तक न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा की अपेक्षा नहीं की जा सकती। इसका एक मात्र उचित समाधान यही है कि संसद द्वारा कानून बनाकर भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का मार्ग अभी प्रशस्त किया जाए। आगे क्या कदम उठाए जाएं, इस सम्बन्ध में निर्णय, आगामी 31 जनवरी तथा 1फरवरी को प्रयागराज में कुम्भ के पावन अवसर पर होने वाली धर्म संसद में, पूज्य संत करेंगे।