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बड़ा खुलासा: अगस्ता वेस्टलैंड डील में एक सियासी परिवार को मिले थे 115 करोड़
नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड डील मामले में इंडिया टुडे टीवी ने एक बड़ा खुलासा किया है। इंडिया टुडे के मुताबिक, भारत के एक सियासी परिवार को इस डील को अंजाम तक पहुंचाने के लिए 1.6 करोड़ यूरो यानि कि 115 करोड़ रुपए की घूस दी गई थी। यह खुलासा इस सौदे के मेन बिचौलिए और ब्रिटिश शस्त्र विक्रेता क्रिश्चियन मिशेल के सीक्रेट नोट्स से हुआ है। बता दें कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर डील यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुई थी। मनमोहन सिंह सरकार ने इस कॉन्ट्रेक्ट पर 2010 में दस्तखत किए थे।
इंडिया टुडे टीवी के मुताबिक, इस डील के मेन बिचौलिए मिशेल ने इन नोट्स को संभालकर रखा है। मिशेल के इन नोट्स को इटली की पुलिस ने जब्त किया और बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हवाले कर दिया। इनसे पता चलता है कि अगस्ता वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमैकेनिका ने 5.2 करोड़ यूरो (373 करोड़ रुपये) का बजट भारत में डील को अंजाम देने के लिए घूस के लिए रखा हुआ था। ये घूस भारत में उन लोगों को दी जानी थी जिनके पास डील से जुड़े फैसले लेने की ताकत थी।
कैसे भेजी जाती थीं जानकारी ?
सीबीआई के उच्च अधिकारियों के मुताबिक, फिनमैकेनिका ने ही मिशेल को भारत में कारोबार के लिए दलाल चुना था। सारी जानकारियां फैक्स और ई-मेल के जरिए भेजी जाती थीं। मिशेल यूरोप में बैठे अपने आकाओं को भारत में हो रही हर गतिविधि की जानकारी देता रहता था। मिशेल की डायरियों में जो तथ्य थे, उनकी पुष्टि CBI ने माइकल के सेक्रेटरी के जरिए की थीं. सेक्रेटरी ने कुछ कंटेट को खुद टाइप किया था।
मिशेल ने अलग से एक परिवार के लिए 1.5 से 1.6 करोड़ यूरो का प्रावधान करने के लिए कहा था. साथ ही ‘AP’ के लिए 30 लाख यूरो अलग से रखने की बात कही थी. मिशेल ने ये साफ नहीं किया था कि परिवार कौन है और ‘AP’कौन है ? उसकी डायरियों से ये पता चलता है कि संभवत 60 लाख यूरो भारतीय वायुसेना के अधिकारियों को, 84 लाख यूरो नौकरशाहों को और 1.5 से लेकर 1.6 करोड़ यूरो एक राजनीतिक परिवार को दिए गए।
सरकार ने मांगी थी कोर्ट के फैसले की जानकारी
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सरकार ने अब रोम में भारतीय दूतावास से कोर्ट के फैसले की जानकारी मांगी थी। इस मामले में बीजेपी आने वाले दिनों में कांग्रेस को संसद में घेरने की तैयारी करेगी। इटली की अदालत ने एयर चीफ़ मार्शल (रि.) एसपी त्यागी को दोषी पाया है। वहीं, त्यागी ने कहा है कि घूसखोरी में शामिल होने के सबूत नहीं है। अगर किसी ने गड़बड़ की है तो सजा मिले। उनका कहना है कि ऐसे मामलों में वायुसेना मुख्यालय में फ़ैसले नहीं होते हैं। इटली के मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स के फैसले के मुताबिक, 2010 में हुई वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में भ्रष्टाचार हुआ। इतना ही नहीं इटली की अदालत ने इस मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को भी शामिल बताया है।
पीएमओ से मिले थे ऊंचाई कम करने के निर्देश
अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद में हुए घोटाले में गिरफ्तार वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी ने सीबीआई अदालत में कहा था कि हेलिकॉप्टर की ऊंचाई कम करने के लिए उन्हें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यालय (पीएमओ) से निर्देश मिला था। हेलिकॉप्टर की पूरी डील 3 हजार 767 करोड़ रुपए की थी। पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को शुक्रवार 9 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। रक्षा सौदे में कथित घोटाले को लेकर त्यागी सेना विंग के पहले प्रमुख हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। त्यागी और कुछ अन्य लोगों पर इसकी खरीद में अनियमितता का आरोप है।
क्या है मामला?
फरवरी 2010 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने इटली की कंपनी फिनमेकेनिका की सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट किया था। इन हेलिकॉप्टरों को वीवीआईपी मसलन पीएम और राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल किया जाना था। नए हेलिकॉप्टर इसलिए खरीदे जा रहे थे क्योंकि पुराने एमआई 8 हेलिकॉप्टर बहुत ज्यादा ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम नहीं थे। शुरुआत में हेलिकॉप्टरों की खरीद में एयरफोर्स ऊंचाई वाले मानक पर किसी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं थी। इस शर्त की वजह से अगस्ता डील के दौड़ से शुरुआत में बाहर हो गई।