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मायावती ने दिया राज्यसभा से इस्तीफा, कहा- लानत है अगर अपने समाज की बात न रख सकूं
नई दिल्ली: बसपा अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मायावती ने अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से मिलने के बाद दिया। उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार मुझे बोलने नहीं दे रही है। दलितों की उपेक्षा हो रही है। उनका कार्यकाल अगले साल अप्रैल 2018 तक का था। मायावती ने तीन पेज की चिट्ठी भेजी है। बताया जा रहा है कि सभी सांसदों ने मायावती को इस्तीफा देने से रोका, मगर वो नहीं मानीं।
मायावती के मुताबिक, जब सदन में मुझे बोलने ही नहीं दिया जा रहा है तो मेरे पास इस्तीफा देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था। जिस सदन में वह अपने समाज के हित की बात नहीं रख सकतीं, उसका सदस्य बने रहना उनके लिए कोई मायने नहीं रखता।
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मायावती राज्यसभा में सहारनपुर मुद्दे पर बोलना चाहती थीं, लेकिन उपसभापति ने उन्हें ज्यादा बोलने का समय नहीं दिया। इस वो इतना नाराज हो गईं कि उन्होंने सदन से इस्तीफे की धमकी दे डाली। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बात रखने के लिए केवल तीन मिनट का ही टाइम क्यों दिया जा रहा है? इतने अहम मुद्दे पर उनकी बात क्यों नहीं सुनी जा रही है। लानत है ऐसी सदस्यता पर कि जिस समाज से मैं आती हूं उसी की बात सदन में नहीं रख पा रही।
मायावती के मुताबिक, उन्होंने उपसभापति से कहा कि ये जीरो ऑवर नहीं है फिर कैसे उनकी बात महज तीन मिनट तक सीमित की जा सकती है। आखिर सहारनपुर में जो कुछ हो रहा है वो सब उन्हें क्यों नहीं बताने दिया जा रहा।