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नई पहल: सिंगल ब्रांड रिटेल-कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 100% FDI को मिली मंजूरी
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एयर इंडिया को कर्ज और घाटे से उबारने और इसमें विनिवेश को लेकर नई पहल की है। केंद्र सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में बदलावों को बुधवार (10 जनवरी) को कैबिनेट की मंजूरी दे दी। इसमें सिंगल ब्रैंड रीटेल में ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत सीधे विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई है। पहले इसमें 49 प्रतिशत तक निवेश की अनुमति थी, उसके ऊपर के निवेश के लिए सरकार की इजाजत चाहिए होती थी।
मंत्रिमंडल ने उड्डयन, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी एफडीआई के नियमों में ढील दी है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी गई है। वहीं, एयर इंडिया के लिए 49 प्रतिशत निवेश की मंजूरी दी गई है। माना जा रहा है, कि इससे एयर इंडिया में विनिवेश करने में आसानी होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, कि एयर इंडिया की बड़ी हिस्सेदारी भारतीय नागरिक के हाथों में बनी रहेगी। सूत्र ने यह भी बताया, कि एयर इंडिया ने भी सरकार का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है।
साल 2014 में सिंगल ब्रैंड रीटेल में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी गई थी, तब नाइक जैसी कई बड़ी ग्लोबल कंपनियों ने भारत का रुख किया था। माना जा रहा है, कि ऑटेमैटिक रूट से इजाजत मिलने के बाद अब बाकी कई कंपनियां भी भारत की तरफ आकर्षित होंगी। क्योंकि, अब क्लियरंस लेने में आसानी होगी। इससे विदेशी कंपनियों के लिए काम करने का बेहतर माहौल तैयार होगा, जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा और नौकरियों के अवसर भी पैदा हो सकते हैं। फिलहाल मल्टी ब्रैंड रीटेल के बारे में कुछ नहीं कहा गया है क्योंकि उसका कई राजनीतिक पार्टियों और व्यापार संगठनों द्वारा विरोध किया जा चुका है।
सिंगल ब्रैंड रीटेल में ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत दिए जाने का विरोध भी शुरू हो गया है। ऑल इंडिया ट्रेडर्स महासंघ ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि ऐसा करके बीजेपी ने अपना चुनावी वादा तोड़ा है। क्योंकि, इससे बाहर की बड़ी कंपनियां भारत की मार्केट पर कब्जा कर लेंगी और देशी कंपनियों को नुकसान उठाना होगा।