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डोकलाम के बाद उत्तराखंड में 6 दिन पहले घुसी चीनी सेना, क्यों खास है बाराहोटी
नई दिल्ली : अभी डोकलाम विवाद थमा भी नहीं की चीनी सेना ने भारतीय सीमा में घुसपैठ कर दी। सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहोटी में 800 से 1 किमी अंदर तक घुसपैठ की थी। बताया जा रहा है, कि ये घटना 25 जुलाई सुबह 9 बजे की है।
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ये वो तारीख थी जिसके एक दिन बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीनी समकक्ष एवं स्टेट काउंसिलर यांग जेची से डोकलाम विवाद पर चर्चा की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी सेना ने 25 जुलाई को उत्तराखंड के चमोली जिले से सटी सीमा पर घुसपैठ की है। बाराहोटी में चीनी सैनिक तक़रीबन 1 घंटे तक रहे।
वर्ष 2016 जुलाई के आखिरी हफ्ते में भी चीनी सैनिक बाराहोटी इलाके में घुस आए थे, और उनके आने से पहले सिंथेटिक ऐपर्चर रेडार युक्त एक सैन्य विमान का इस्तेमाल कर इस इलाके की तस्वीर भी लेने का मामला सामने आया था।
क्या है बाराहोटी
बाराहोटी यूपी, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ‘मिडिल सेक्टर’ में आने वाली तीन सीमा चौकियों में से एक है, यहाँ आईटीबीपी को हथियार की अनुमति नहीं है। वर्ष 2000 में उस समय की केंद्र सरकार ने ही ऐसा निर्णय लिया था।
1958 में चीन और भारत ने 80 वर्ग किमी के बाराहोटी को विवादित इलाके के तौर पर चिन्हित किया था, साथ ही ये भी निर्णय लिया गया कि यहाँ दोनों देश अपने सैनिक नहीं भेजेंगे। 1962 के युद्ध में, चीन के सैनिक इस सीम पर नहीं आए और उनका पूरा ध्यान लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश पर ही था।