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चीफ जस्टिस ने मिलने से किया इंकार, मायूस लौटे मोदी के दूत
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की ओर से शुक्रवार 12 जनवरी को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ये मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है बल्कि और बढ़ गया है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की ओर से शुक्रवार 12 जनवरी को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ये मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है बल्कि और बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस संदर्भ में बैठक बुलाई है और कहा जा रहा है कि एसोसिएशन की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जा सकती है।
पीएम नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा शनिवार को चीफ के आवास के बाहर गाड़ी में दिखाई दिए। वो उनसे मिनले गए थे लेकिन कहा जा रहा है कि चीफ जस्टिस ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेट्ररी नृपेंद्र मिश्रा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मिलने गए थे, लेकिन मीटिंग नहीं हो सकी।
दूसरी ओर अटॉर्नी जनरल के वेणुगोपाल ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि सब ठीक हो जाएगा।'
न्यायपालिका में चल रही गड़बड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज नाराज चल रहे हैं। जजों ने इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) से इस बारे में कई बार बातचीत भी की, लेकिन कोई हल नहीं निकलने के बाद उन्होंने मीडिया के सामने आने का फैसला लिया।
बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विकास सिंह ने कहा कि अगर वे (जज) मीडिया के सामने आए भी थे तो उन्हें कुछ महत्वपूर्ण कहना चाहिए था। सिर्फ लोगों के दिमाग में न्यायपालिका के खिलाफ गलतफहमी पैदा करना ठीक नहीं है। साथ ही ये भी तय नहीं था कि वे जस्टिस लोया के केस पर कुछ बयान देंगे।