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गुजारा-भत्ता मामले में हाई कोर्ट का आदेश: जल्द मामले में शामिल हों उमर
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को पत्नी पायल अब्दुला से जुड़े गुजारा भत्ता मामले में जल्द से जल्द शामिल होने का आदेश दिया। बता दें
जम्मू: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को पत्नी पायल अब्दुला से जुड़े गुजारा भत्ता मामले में जल्द से जल्द शामिल होने का आदेश दिया है। बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने पत्नी पायल अब्दुला द्वारा पारिवारिक कोर्ट में गुजारा भत्ता की याचिका को चुनौती दी थी। उनके मुताबिक़ पायल की मांग पूरी करने योग्य नहीं है।
मामले की सुनवाई अब 12 दिसंबर को होगी। जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल ने कहा कि मामले की सुनवाई से पहले उमर को मामले में ध्यान देना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि अब उमर कोई स्थगन आदेश की मांग नहीं करेंगे।
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उमर के वकील ने रखी थी ये बात:
-कुछ समय पहले हुई सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला के वकील ने कहा कि पायल का अपना व्यवसाय है और राष्ट्रीय राजधानी में मकान भी है।
- ऐसे में पायल को पहले यह साबित करना होगा कि वह अपना खर्च नहीं उठा सकती हैं और वह गुजारा भत्ता की हकदार हैं।
- वकील ने यह भी तर्क दिया कि उनके दोनों बेटे वयस्क हैं और वह भी गुजारा भत्ता की मांग नहीं कर सकते।
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पायल के वकील का तर्क:
- पायल के वकील ने उमर की याचिका का पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि उमर ने अपनी पत्नी को एक साल से अधिक समय से छोड़ दिया है और उन्हें अपने दो बच्चों की फीस चुकाने तक में मुश्किल आती है।
कोर्ट ने रद्द की थी तलाक की याचिका
- इससे पहले निचली अदालत ने 30 अगस्त को उमर अब्दुल्ला की तरफ से दायर तलाक की याचिका को रद्द कर दिया था।
- कोर्ट के अनुसार शादी के अपर्याप्त विघटन को साबित करने में उमर अब्दुल्ला नाकाम रहे हैं।
- कोर्ट के फैसले को उमर ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिस पर फैसला लंबित है।