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जय श्री राम बोलने पर फतवा जारी करने वाले मौलाना बोले- राम-रहीम कभी एक नहीं हो सकते
बिहार में नीतीश सरकार में एक मात्र मुस्लिम मंत्री खुर्शीद अहमद उर्फ़ फिरोज अहमद के खिलाफ इमारत-ए-शरिया ने फतवा जारी किया है।
पटना: बिहार में नीतीश सरकार में एक मात्र मुस्लिम मंत्री खुर्शीद अहमद उर्फ़ फिरोज अहमद के खिलाफ इमारत-ए-शरिया ने फतवा जारी किया है। मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने फतवा जारी करते हुए उन्हें इस्लाम से खारिज और मुर्तद (विश्वास नहीं करने वाला) करार दिया है। सुहैल अहमद कासमी ने कहा कि मंत्री को इस्लाम के साथ निकाह से भी बेदखल किया गया है। अब उनको इस्लाम में आने के लिए कलमा पढ़ना होगा। फिरोज ने देश के 18 करोड मुसलमानों के साथ ही इस्लाम और कुरान की भी तौहीन की है। फतवा जारी करने वाले ने कहा कि राम और रहीम नदी के दो किनारे हैं जो कभी एक नहीं हो सकते। ये सिर्फ किताबों में होता है कि राम और रहीम एक हैं।
मौलाना कासमी बोले, 'इस्लाम में खुदा के अलावा किसी और की इबादत नहीं की जा सकती। ऐसा करना हराम है और फिरोज ने इस्लाम विरोधी, कुरान विरोधी और शरीयत के विरोध में काम किया है।'
मौलाना से ये पूछे जाने पर कि मंत्री ने यदि गलत काम किया तो इसकी सजा उसकी बीवी को क्यों दी जा रही है के जवाब में उन्होंने कहा कि इस्लाम को मानने वाली कोई महिला किसी ऐसे मर्द के साथ नहीं रह सकती जिसने धर्म विरोधी या इस्लाम विरोधी काम किया हो।
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क्या है मामला ?
दरअसल, नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट जीतने के बाद बिहार विधानसभा में खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे। जिस कारण उसके खिलाफ फतवा जारी किया गया। बिहार में जेडीयू कोटे से मंत्री बने खुर्शीद ने कहा था कि महागठबंधन टूटने के लिए मनोकामना मंदिर में पूजा की थी। इस दौरान उन्होंने कैमरे के सामने हाथ में बंधे रक्षासूत्र भी दिखाये था। बता दें, कि नीतीश की नई कैबिनेट में एकमात्र अल्पसंख्यक चेहरा खुर्शीद उर्फ फिरोज को अल्पसंख्यक कल्याण और गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी मिली है।