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अब 5 हजार से ज्यादा के सभी सरकारी पेमेंट होंगे डिजिटल, पोर्टल के जरिए ही मिलेंगे ठेके
नई दिल्ली: अब पांच हजार रुपए से ज्यादा के सभी सरकारी पेमेंट डिजिटल (ई-पेमेंट) तरीके से ही किए जा सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इस बारे में सभी मंत्रालयों को आदेश जारी किया है। आदेश में ये भी कहा गया है कि ये तरीका जल्द से जल्द अमल में लाया जाए। मंत्रालय ने एक बयान जारी कर ये जानकारी दी।
दूसरी ओर, सरकारी ठेकों को अब ऑनलाइन पोर्टल के जरिए दिए जाने की तैयारी भी की जा रही है। यानी इनके लिए अब टेंडर प्रोसेस नहीं अपनाई जाएगी। हालांकि, शुरुआती तौर पर ये पोर्टल अगस्त में ही लॉन्च कर दिया गया था।
सभी पेमेंट ई-पेमेंट के जरिए
-पांच हजार रुपए से ज्यादा के सरकारी भुगतान अब ई-पेमेंट के जरिए होंगे।
-डिपार्टमेंट्स से कहा गया है कि इस ऑर्डर को फौरन लागू किया जाए।
-तमाम तरह के वितरक, आपूर्ति कर्ता, ठेकेदार और लोन देने या लेने वालों के लिए ई-पेमेंट ही अपनाया जाएगा।
-सरकार की ओर से ये फैसला 'कैशलेस इकोनॉमी' को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
-इस पोर्टल से सभी तरह की सरकारी खरीद और ठेक दिए जाएंगे।
आगे की स्लाइड में पढ़ें कैसे काम करेगा मोदी सरकार का तरीका ...
पोर्टल के जरिए ही मिलेंगे ठेके
-मोदी सरकार फ्लिपकार्ट और अमेजन ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल की तरह पोर्टल इस्तेमाल करने जा रही है।
-इस पोर्टल से सभी तरह की सरकारी खरीद और ठेके दिए जाएंगे।
-ख़बरों के मुताबिक, इसके लिए अफसरों को ट्रेनिंग फरीदाबाद के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट में दी जा रही है।
-सभी अफसरों को गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) नाम के पोर्टल की ट्रेनिंग दी जा रही है।
परंपरागत तरीके ख़त्म
-राज्य और केंद्र सरकारें अभी तक छोटे या बड़े कामों को कराने के लिए टेंडर प्रोसेस अपनाती रही हैं।
-इसकी वजह से मनमाने दर लगाए जाते हैं।
-मिलीभगत के जरिए कमीशन का खेल भी होता है।
-कुल मिलाकर टेंडर प्रोसेस और कैश पेमेंट से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता रहा है।
आगे की स्लाइड में जानिए क्या है GeM...
GeM ला रही मोदी सरकार
-पीएम मोदी की सरकार इसी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए GeM ला रही है।
-इससे कैशलेस सोसायटी बनाने में भी मदद मिलेगी जो पीएम मोदी चाहते हैं।
-फिलहाल, इस पोर्टल पर 56 कैटेगरी के 3,100 प्रोडक्ट मौजूद हैं।
-ये पोर्टल 38 करोड़ रुपए का व्यापार कर चुका है।
होगी काफी बचत
-1,129 गवर्नमेंट बायर्स इस पर रजिस्टर्ड हैं। इसमें से 469 तो सरकारी विभागों के हेड हैं।
-वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में इसी पोर्टल से एक फोटोकॉपी मशीन 97,000 रुपए में खरीदी।
-जबकि इसका रेट कॉन्ट्रेक्ट यानी टेंडर 1 लाख 52 हजार 250 रुपए था।
-यानी करीब 57 फीसदी पैसा बचाया गया।
-सरकार का मानना है कि इस पोर्टल के इस्तेमाल से काफी बचत की जा सकेगी।