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मोदी-रूहानी की बैठक खत्म, दोनों देशों के बीच 9 करार पर हस्ताक्षर
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और देश के पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत के बाद शनिवार 17 फरवरी को सुरक्षा ,व्यापार समेत नौ करार पर हस्ताक्षर किए गए।
नई दिल्ली: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और देश के पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत के बाद शनिवार 17 फरवरी को सुरक्षा ,व्यापार समेत नौ करार पर हस्ताक्षर किए गए।
दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में बातचीत की। बातचीत में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के लोग शामिल थे । बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा समेत 9 करारों पर सहमति बनी।
संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने कहा- "चाबहार पोर्ट को डेवलप करने के लिए लीडरशिप देने पर मैं ईरान का शुक्रिया अदा करता हूं। चाबहार गेटवे के लिए भारत सहयोग करेगा।" इससे पहले रूहानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मिले। राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी।
मोदी ने कहा- मैं 2016 में तेहरान गया था और अब जब आप (रूहानी) यहां आए हैं तो इससे हमारे रिश्ते गहरे और मजबूत हुए हैं। दोनों देश पड़ोसी अफगानिस्तान को सुरक्षित और समृद्ध देखना चाहते हैं।
हम अपने पड़ोसियों को आतंक से आजाद देखना चाहते हैं
रुहानी ने कहा कि हमें भारत सरकार से काफी प्यार मिला और इसके लिए मैं यहां के लोगों और सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं। दोनों देशों के रिश्ता कारोबार और व्यापार से बहुत आगे है। ये इतिहास से जुड़ा है। परिवर्तन और अर्थव्यवस्था इन 2 महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारी राय एक है। हम दोनों देशों के बीच रेलवे संबंध भी शुरू करना चाहते हैं। दोनों देश चाबहार पोर्ट के विकास में भी शामिल हैं।"
रूहानी के तीन दिवसीय दौरे का शनिवार को आखिरी दिन था ।
भारत-ईरान के बीच ये 9 करार
1 डबल टैक्सेशन और टैक्स सेविंग के लिए पैसे बाहर भेजने की रोकथाम के लिए समझौता।
2 डिप्लोमैटिक पासपोर्टधारकों को वीजा में छूट के लिए एमओयू।
3 प्रत्यर्पण संधि लागू करने के लिए समझौता।
4 चाबहार पोर्ट के पहले फेस के लिए समझौता।
5 ट्रेडिशनल सिस्टम और मेडिसिन में सहयोग के लिए समझौता।
6 आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए समझौता।
7 एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टर में सहयोग के लिए समझौता।
8 स्वास्थ्य-दवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता।
9 पोस्टल सहयोग के लिए एमओयू।
रूहानी शुक्रवार 16 फरवरी को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज अदा करने पहुचे थे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत के लिए, पाकिस्तान से गुजरे बगैर ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों के साथ यूरोप तक ट्रांजिट रूट खोलेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि ईरान तेल और नेचुरल गैस रिसोर्स के मामले में अमीर है। इसलिए वह भारत की तरक्की के लिए अपने नेचुरल रिसोर्सेज साझा करने को तैयार है। इसके अलावा रूहानी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देने की भी मंशा जाहिर की थी।
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