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कुछ और ढीली हुई महागठबंधन की गांठ, लालू की BJP विरोधी रैली से नीतीश ने किया किनारा
पटना: बिहार में सत्ताधारी लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और नीतीश कुमार की पार्टी के बीच अब सबकुछ ठीक नहीं है। इसी का एक और सबूत सामने आया है। लालू यादव ने आगामी 27 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विरोध में बिहार में एक बड़ी रैली का आयोजन किया है, लेकिन उन्हें इसमें प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार का साथ नहीं मिलेगा।
बता दें कि पटना में होने वाली ‘बीजेपी हटाओ, देश बचाओ’ रैली में जदयू ने शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। इससे बिहार में जेडीयू और आरजेडी के बीच की खाई और गहरी हो गई है। जदयू के महासचिव श्याम राजक ने कहा, कि 'रैली आरजेडी ने रखी है। जदयू उसमें पार्टी के तौर पर शामिल नहीं होने वाली। अगर नीतीश कुमार को रैली में शामिल होने का कोई न्योता मिलेगा, तो वह सोचेंगे कि व्यक्तिगत तौर पर उन्हें शामिल होना है या नहीं।'
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लालू से दूरी बनाते दिख रहे नीतीश
हाल के दिनों में नीतीश और लालू की पार्टियों का गठबंधन कमजोर पड़ता दिख रहा है। लालू परिवार के खिलाफ बेनामी संपत्ति मामला खुलने के बाद से नीतीश कुमार लगातार आरजेडी से दूरी बनाते दिख रहे हैं। कई ऐसे मौके आए जब दोनों ही सहयोगी पार्टियों के दो सुर निकले हैं। ऐसा ही कुछ राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन के दौरान भी दिखा।
लगातार एनडीए के पक्ष में दिख रहे खड़े
इसी तरह नीतीश ने सहयोगी दल का विचार जाने बगैर ऐलान किया था कि वह राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार की जगह एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करेंगे। नीतीश ने ये भी कहा था, कि विपक्ष ने बिहार की बेटी (मीरा कुमार) को हारने के लिए खड़ा किया है। इतना ही नहीं जीएसटी लॉन्च के लिए हुए कार्यक्रम में नीतीश ने अपनी और से प्रतिनिधि भेजा था।
ये हैं लालू के साथ
वहीं, लालू यादव की रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और पूर्व पीएम एचडी देवगोड़ा शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी भी आरजेडी के साथ खड़ी है।