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निराशाजनक रहा भारत का ऑयल मील, सितंबर में 73 फीसदी घटा
नई दिल्ली: भारत का ऑयल मील (खली) निर्यात सितंबर में निराशाजनक रहा। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले देश का खली निर्यात बीते सितंबर में 73 फीसदी घट गया। खाद्य तेल उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ऑफ इंडिया द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत ने सितंबर 2018 में 81,511 टन ऑयल मील का निर्यात किया, जबकि पिछले साल यानी सितंबर 2017 में देश से 2,98,182 टन खली का निर्यात हुआ। इस प्रकार बीते महीने में खली के निर्यात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 73 फीसदी की कमी आई है।
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हालांकि बीती छमाही में ऑयल मील निर्यात में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है। उद्योग संगठन के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से सितंबर तक 14,03,382 टन ऑयल मील का निर्यात हुआ जबकि पिछले साल की पहली छमाही में भारत ने 12,84,788 टन ऑयल मील का निर्यात किया था।
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चालू वित्त वर्ष के शुरुआती छह महीने में भारत ने सरसों खली का 6,01,105 टन निर्यात किया जोकि काफी उत्साहवर्धक है। इसकी वजह यह रही कि दक्षिण कोरिया, वियतनाम और थाइलैंड को होने वाले खली निर्यात में दोगुना इजाफा हो गया। उद्योग संगठन ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक हितों को लेकर पैदा हुए तनाव से काफी अनिश्चितताएं रही हैं जिसके कारण चीन ने अमेरिका के बदले दूसरे देशों से सोयाबीन और ऑयल मील की अपनी जरूरतों की पूर्ति करना शुरू कर दिया।
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एसईए के अनुसार, चीन ने भारत से ऑयलमील के निर्यात पर 2012 से ही प्रतिबंध लगा रखा है। मगर बदले हुए हालात में चीन इससे प्रतिबंध हटाने के बारे में सोचने को बाध्य है। चीन 2012 में प्रतिबंध लगाने से पहले भारत से तकरीबन पांच लाख ऑयलमील का निर्यात करता था। भारत खाद्य तेल का प्रमुख आयातक है, मगर यह ऑयल मील का निर्यात करता है।
--आईएएनएस