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BJP की संसदीय दल की बैठक में फिर भावुक हुए मोदी, बोले-विपक्ष फैला रहा अफवाह
नई दिल्ली: बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में मंगलवार को पीएम मोदी एक बार फिर नोटबंदी पर भावुक हो गए। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष देश में अफवाहें फैला रहा है, जिससे जनता को तकलीफ हो रही है। नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक ना कहें। बीजेपी के नेता जाकर जनता को बताएं कि यह फैसला उनके हित में लिया गया है। इससे पहले गोवा में भी पीएम मोदी नोटबंदी पर बोलते हुए मंच पर कई बार भावुक हुए थे।
पीएम मोदी के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि देश से गरीबी मिटाने के लिए नोटबंदी की गई है। पूरे देश की जनता सरकार के इस फैसले का समर्थन कर रही है। यह मोदी सरकार का एक ऐतिहासिक फैसला है। ऐसे कड़े फैसले लेने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है। नोटबंदी पर सदन में हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष बचना चाहता है।
सौ.- डीडी न्यूज
और क्या बोले जेटली ?
-500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था।
-हम 8 नवंबर से पहले एटीएम को नहीं बदल सकते थे। कुछ दिन अभी तकलीफ होगी।
-नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक की संज्ञा न दें। विपक्ष को छोड़ सब हमारे साथ हैं।
-ग्रामीण क्षेत्रों के ऊपर हमारा सबसे ज्यादा फोकस है। इस फैसले के लिए बहुत हिम्मत चाहिए।
-भारत के इतिहास में यह ऐसा पहला कदम है, जिसमें ईमानदारी पर जोर दिया गया है।
-भारत की अर्थव्यवस्था में नकदी की मात्रा बहुत अधिक है। इसी वजह से कालेधन के आसार बढ़ते हैं।
-नोटबंदी के कदम से ग्रामीण क्षेत्रों निवेश बढ़ेगा। गरीबों के लिए कल्याण कार्यक्रम को बल मिलेगा।
-नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आएगी। डिजिटल अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
-अब राष्ट्र के निर्माण में बैंक अहम योगदान कर सकेंगे। नोटबंदी से बैंकों की पूंजी में भारी सुधार हुआ है।
आगे की स्लाइड में पढ़िए, गोवा में भी बोलते हुए भावुक हो गए थे मोदी...
पीएम मोदी गोवा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद जब मंच पर नोटबंदी के फैसले पर अपनी बात रखने आए तो बोलते हुए भावुक हो गए थे। भाषण के आखिरी तक तो उनकी आंखों से आंसू भी छलक गए। उन्होंने कहा था, ''मैं जानता हूं कि इस फैसले से जनता को थोड़ी परेशानी हो रही है। उन्होंने भी गरीबी देखी और समझ सकते हैं कि इस वक्त जनता के मन में क्या चल रहा होगा। देश में लिए मैंने अपना घर तक छोड़ दिया। अपना सबकुछ देश में नाम कर दिया। मैंने देश से सिर्फ 50 दिन मांगे हैं। 30 दिसंबर तक का वक्त दीजिए। उसके बाद अगर मेरी कोई गलती निकल जाए, गलत इरादा निकल जाए, कोई कमी रह जाए तो जिस चौराहे पर खड़ा करेंगे, देश जो सजा देगा उसे भुगतने के लिए तैयार हूं।''
'मेरे दिमाग में चल रहे हैं और प्रोजेक्ट्स'
अपने भाषण के आखिरी में पीएम मोदी की आंखों से आंसू तक बहने लगे थे। उन्होंने रूंधे हुए गले से जनता से अपील करते हुए कहा था, ''भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और कालेधन को खत्म करने के लिए मेरे दिमाग में और भी कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। बस ईमानदारी में से मेरा साथ दीजिए। सिर्फ 50 दिन मेरी मदद कर दीजिए।''