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PM मोदी बोले- पान की पीक थूककर हमें वंदे मातरम बोलने का हक है क्या ?

पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी के अवसर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में देशभर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के स्टूडेंट्स को संबोधित किया।

tiwarishalini
Published on: 11 Sept 2017 11:55 AM IST
PM मोदी बोले- पान की पीक थूककर हमें वंदे मातरम बोलने का हक है क्या ?
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Live: PM मोदी बोले- देश के विकास में पटना यूनिवर्सिटी का अहम योगदान रहा

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी के अवसर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए देशभर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के स्टूडेंट्स को संबोधित किया। पीएम मोदी की इस स्पीच को 'Young lndia, New lndia- A Resurgent Nation: from Sankalp to Sidhhi' टाइटल दिया गया है। बता दें कि 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (अमेरिका) के विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया था। सोमवार को इसके 125 साल पूरे हो रहे हैं।

पीएम मोदी के भाषण शुरू होते ही वंदे मातरम नारा गूंजा, लेकिन पीएम मोदी ने इस नारे के पुकारे जाने पर सवाल उठाया। पीएम मोदी ने कहा कि क्या हिंदुस्तान में हमें वंदेमातरम् कहने का हक है? मैं जानता हूं कि मेरी बात हजारों लोगों को चोट पहुंचाएगी। हम लोग पान खाकर भारत मां पर थूंके और कूड़ा कचरा फेंके और फिर वंदेमातरम् बोले, इसके लिए देश में पहला हक किसी को है तो भारत मां के उन सच्चे लोगों को है जो सफाई करते हैं।

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इसलिए हम ये जरूर सोचें कि ये हमारी भारत माता सुजलाम सुफलाम भारत माता है। हम सफाई करें या नहीं, लेकिन गंदगी करने का हक नहीं है। गंगा की सफाई करें, स्नान करें लेकिन कोई ये सोचता है कि इसमें कचरा ना डालें। अगर आज विवेकानंद होते तो क्या हमें ये सब करने पर नहीं डांटते?

पीएम ने कहा कि विवेकानंद स्वच्छता पर भी जोर दिया करते थे और लोगों को सफाई के लिए प्रेरित किया करते थे, इसलिए सफाई करने वाला भारत माता की सच्ची संतान है। पीएम मोदी ने कहा कि आज हम स्वस्थ इसलिए है क्योंकि सफाई करने वाले कर्मचारी हमारे आसपास है। इसीलिए मैंने कहा है कि पहले शौचालय फिर देवालय। इस बहुत से लोग मुझसे नाराज भी हुए। मुझे खुशी है कि देश में आज ऐसी भी बेटियां हैं, जो शौचालय नहीं होने पर शादी नहीं करती हैं।

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पीएम ने कहा कि विवेकानंद वे शख्सियत थे, जो युवा शक्ति में विश्वास रखते थे और युवाओं को बेहतर राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा दिया करते थे। उन्हीं के दिए गए सिद्धांतों पर आज युवाओं को आगे बढ़ने के लिए हम प्रेरित करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर गांधी, विवेकानंद के सपनों का भारत बनाना है तो सफाई का संकल्प लेना होगा। अगर सवा सौ करोड़ देशवासी एक कदम चलें तो हिन्दुस्तान सवा सौ करोड़ कदम चलेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि छात्र राजनीति करने वालों को कभी कैंपस साफ रखने की बात कहते हुए नहीं देखा। पीएम ने कहा कि जब चुनाव हो जाते हैं तो अगले दिन कैंपस की हालत सब जानते हैं और फिर भी वंदे मातरम का नारा जोरों से लगाया जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि विवेकानंद एक ऐसे युवा थे जिन्होंने सवा सौ साल पहले दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया था।

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पीएम ने कहा कि अमेरिका में ब्रदर्स एंड सिस्टर्स कहने वाले विवेकानंद की तरह हम आज भारत में लड़कियों को आदर से देखते हैं क्या? जो देखते हैं उन्हें सौ बार नमन करता हूं। अगर नहीं देखते हैं तो विवेकानंद के शब्दों पर हमें तालियां बजाने का हक नहीं है। हम सोंचे कि जन सेवा प्रभु सेवा है। 30 साल का एक नौजवान दुनिया में जय जयकार करके आया हो।

पीएम मोदी ने कहा कि आज 11 सितंबर है। विश्व को 2001 से पहले ये पता नहीं था कि 9/11 का महत्व क्या है। दोष दुनिया का नहीं था, उन्हें ये पता ही नहीं था। दोष हमारा था कि हमने ही उसे भुला दिया था और हम न भुला देते तो शायद 21वीं सदी का 9/11 नहीं होता।

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सवा सौ साल पहले भी एक 9/11 था, जिस दिन एक नौजवान ने, करीब-करीब आपकी उम्र का, गेरुआ कपड़ों में, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। गुलाम भारत में उसके चिंतन और भाषण में ये कहीं नहीं दिखती थी।

पीएम मोदी ने कहा कि पंडित दीन दयाल ने भी अंत्योदय की बात कही थी, वे समाज के आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति को फायदा पहुंचाने की बात करते थे। विवेकानंद जी का सपना था कि भारत एक दिन विश्व गुरु बनेगा। लेकिन यह तभी संभव है जब हम रूल फॉल करेंगे।

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पीएम मोदी ने कहा कि विवेकानंद कहते थे जनसेवा ही प्रभुसेवा है। उस समय के समाज की कल्पना कीजिए जब पूजा-पाठ और परंपराओं की समाज में पैठ थी। ऐसे समय में 30 साल का नौजवान यह कह दे कि मंदिर में बैठने से भगवान नहीं मिलने वाला। समाज सेवा करने से भगवान मिलेगा पीएम मोदी ने कहा कि विवेकानंद ने अपनी वाणी से लोगों को अभिभूत कर दिया था। वरना हमारे देश के बारे में कहा जाता था कि यह तो सांप-सपेरों का देश है। एकादशी को क्या खाना है और क्या नहीं खाना। यही सोचा जाता था. विवेकानंद ने बताया कि नहीं हम यह नहीं हैं। यह सिर्फ हमारी व्यवस्था का हिस्सा है। अरे हमारे यहां तो भीख मांगने वाला भी तपो ज्ञान से भरा होता है, वह कहता है जो न दे उसका भी भला, जो दे उसका भी भला।

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पीएम ने कहा कि विवेकानंद कुए के मेंढक की कथा सुनाते थे। हम जय जगत वाले लोग हैं। उपनिषद् से उपग्रह तक की हमारी यात्रा पूरी हो गई है। हम कभी डरे नहीं हैं। जो भी आया उसे गले लगा लिया। मैं दूसरे देशों में जाता हूं तो देखता हूं कि भारत को देखने का दुनिया का नजरिया बदल चुका है। ये ताकत राजनीति से नहीं आप लोगों से हैं। हमें अपने अंदर की बुराइयों से लड़ना है। हमें देश को सबसे आगे रखना है। क्यों न मेरा नौजवान इसमें भागीदार बनें।

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पीएम मोदी ने कहा कि मैंने देखा है कि कुछ लोग कॉलेजों में कई तरह के डे मनाते हैं, आज रोज डे है। कुछ लोग इसका विरोध करते हैं। मैं विरोधी नहीं हूं। कॉलेज विचार व्यक्त करने का स्थान है। क्या हरियाणा का कॉलेज तय करता है कि आज तमिल डे या पंजाब का कॉलेज केरल डे मनाएगा। वहां की संस्कृति को जिएं। क्या इससे एक भारत श्रेष्ठ भारत नहीं बनेगा। हम देश की हर भाषा और लोगों के सम्मान का भाव पैदा करनी चाहिए। हम पंजाब के सिख गुरुओं का डे भी मना सकते हैं। हम रोबोट नहीं बन सकते। क्रिएटिविटी के बिना जीवन संभव नहीं है।



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tiwarishalini

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