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प्रद्युम्न हत्याकांड: फॉरेंसिक टीम सबूत जुटाने एकबार फिर पहुंची स्कूल

प्रद्युम्न हत्याकांड मामले में फॉरेंसिक टीम बुधवार को एकबार फिर सबूत जुटाने स्कूल पहुंची है। आरोपी बस कंडक्टर का डीएनए सैम्पल जांच के लिए करनाल

tiwarishalini
Published on: 13 Sept 2017 3:52 PM IST
प्रद्युम्न हत्याकांड: फॉरेंसिक टीम सबूत जुटाने एकबार फिर पहुंची स्कूल
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गुड़गांव: प्रद्युम्न हत्याकांड मामले में फॉरेंसिक टीम बुधवार को एकबार फिर सबूत जुटाने स्कूल पहुंची है। आरोपी बस कंडक्टर का डीएनए सैम्पल जांच के लिए करनाल भेजा गया है। वहीं, बच्चे के पिता ने जांच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर जांच सही हो रही होती तो मुझे सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना पड़ता। मंगलवार को बच्चे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी आई।

नहीं हुआ सेक्शुअल असॉल्ट

- पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर्स की टीम में से एक दीपक माथुर ने कहा कि बच्चे के साथ सेक्शुअल असॉल्ट नहीं हुआ था।

- एसीपी ने बताया कि अशोक ने ही बच्चे का मर्डर किया था।

- पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर्स की टीम ने कहा, "बच्चे के गले पर चाकू के दो निशान मिले हैं।"

- इससे पहले एसीपी सिंह ने कहा, "कंडक्टर अशोक ने ही बच्चे का मर्डर किया था, इसमें कोई और शामिल नहीं है। पुलिस पूछताछ से पूरी तरह संतुष्ट है। यह क्लियर है कि अशोक ही मर्डर के लिए जिम्मेदार है। अशोक पहले से ही टॉयलेट में मौजूद था। उसी ने बच्चे का मर्डर किया है।''

- बता दें कि गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को (8 सितंबर) को 7 साल के बच्चे का मर्डर कर दिया गया था। बॉडी टॉयलेट में मिली थी।

आरोपी के मुताबिक़-

- पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को अरेस्ट किया था।

- आरोपी अशोक 8 महीने पहले ही स्कूल बस में कंडक्टर की नौकरी पर लगा था।

- अशोक ने बताया, 'मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं टॉयलेट में था। वहां गलत काम कर रहा था। तभी वह बच्चा आ गया। उसने मुझे देख लिया। मैंने उसे पहले देखा, धक्का दिया, फिर खींच लिया। वह शोर मचाने लगा तो मैं डर गया। फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा। उसका गला रेत दिया।'

सामने आया चश्मदीद गवाह

- मामले में पहली बार आईविटनेस सामने आया है। इस शख्स का नाम सुभाष गर्ग है। सुभाष बच्चे की फीस का चेक देने स्कूल गए थे।

- सुभाष के मुताबिक, स्कूल के रिसेप्शन से कुछ दूरी पर ही वो टॉयलेट है, जहां बच्चे की हत्या हुई।

- सुभाष ने कहा कि वो रिसेप्शन के पास टहल रहे थे। तभी देखा कि एक प्यून खून से लथपथ किसी बच्चे को गोद में लेकर आ रहा है। कुछ टीचर्स रोते हुए साथ में आ रहीं थीं।

- स्कूल की प्रिंसिपल भी उस वक्त कॉरिडोर में ही मौजूद थीं। आरोपी बस कंडक्टर अशोक भी वहां था। उसकी शर्ट खून से सनी हुई थी। प्रिंसिपल ने ड्राइवरों को आवाज लगाई। उनसे गाड़ी निकालने को कहा गया। स्कूल का स्टाफ बच्चे को गाड़ी से हॉस्पिटल लेकर गया। इसके बाद रिसेप्शन से बच्चे के पिता को फोन किया गया।

- गर्ग की मानें तो एक प्यून के अलावा आरोपी कंडक्टर अशोक ने भी बच्चे को गोद में उठाया था।

- उसकी शर्ट खून से सनी हुई थी। गुप्ता के मुताबिक- उन्होंने आरोपी से कहा था कि वो शर्ट साफ ना करे। लेकिन, वो नहीं माना और शर्ट को धो दिया। गर्ग के मुताबिक, उन्होंने अशोक को डांटा तो उसने कहा कि शर्ट को इसलिए धो दिया क्योंकि उसमें से बहुत बदबू आ रही थी।

प्रद्युम्न के पिता ने फाइल की पिटीशन

-वरुण ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई थी, जिसे कोर्ट स्वीकार कर लिया था। वरुण ने केस की जांच सीबीआई से कराए जाने और स्कूलों में स्टूडेंट्स की सिक्युरिटी के लिए गाइडलाइंस जारी करने की मांग की है।

- वरुण के वकील सुशील टेकरीवाल ने सुनवाई के बाद कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई इस मामले की जांच करे, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।

रेयान ग्रुप के दो अफसर अरेस्ट, 2 दिन की पुलिस रिमांड पर

- सोमवार सुबह रेयान ग्रुप के नॉर्थ जोन हेड फ्रांसिस थॉमस और भोंडसी स्थित स्कूल कोऑर्डिनेटर को अरेस्ट कर लिया गया।

- सोहना रोड स्थित सदर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी को भी सस्पेंड किया गया है। उधर, रेयान ग्रुप के सीईओ रेयान पिंटो ने बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटीशन दायर करके एंटीसिपेटरी बेल (अग्रिम जमानत) देने की अपील की है, जिस पर एक दिन की राहत मिली और अब सुनवाई बुधवार को फिर हो सकती है।

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