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वो कागज की कश्ती, वो...: 'महामहिम' को याद आया बचपन, हुए भावुक

aman
By aman
Published on: 20 July 2017 5:24 PM IST
वो कागज की कश्ती, वो...: महामहिम को याद आया बचपन, हुए भावुक
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नई दिल्ली: 'वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी..' राष्ट्रपति चुने जाने के बाद समर्थन देने वाले सांसदों और विधायकों को धन्यवाद देने आए रामनाथ कोविंद पूरी तरह से भावुक हो गए। उन्हें अपना बचपन आ गया।

धन्यवाद देने के बाद नव निर्वाचित

राष्ट्रपति ने कहा, कि 'उत्तर प्रदेश में उन्नाव के परोख गांव में उनका बचपन बीता। गांव में कच्चा घर था। मिट्टी की दीवारें थी और फूस की छत थी। बरसात होती तो हम सब भाई-बहन दीवार के सहारे खड़े हो जाते, ताकि बरसात से बच सकें। लेकिन ऐसा हो नहीं पाता था।' उन्होंने कहा, कि 'अभी भी कई रामनाथ कोविंद इसी तरह बरसात में भीग रहे होंगे। खेतों में हल चला रहे होंगे या खेती कर रहे होंगे। मैं राष्ट्रपति भवन में ऐसे ही लोगों का प्रतिनिधि हूं।'

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मुझे गर्व का अहसास करा रहा

महामहिम ने कहा, कि 'जिस पद पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी जैसे लोग रहे, उस जगह पर जाने पर मुझे गर्व है। यह पद मुझे जिम्मेवारी का अहसास करा रहा है।'

मीरा को भी कहा शुक्रिया

उन्होंने कहा, कि जिन-जिन लोगों ने मुझ पर विश्वास व्यक्त किया, उन सभी का मैं आभार व्यक्त करता हूं। इस पद के लिए न तो मैंने कभी सोचा था और न मुझे सपने में ही आभास था, कि यहां तक पहुंच जाऊंगा।' उन्होंने विपक्ष की प्रत्याशी मीरा कुमार का भी शुक्रिया अदा किया।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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