×

निठारी कांड: CBI की स्पेशल कोर्ट ने पंढेर-कोली को सुनाई सजा-ए-मौत

राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के निठारी में रेप और हत्या के कई मामलों में से एक में सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने व्यवसायी मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को एक 20 साल की एक युवती के अपहरण, हत्या, रेप और आपराधिक साजिश रचने के मामले में फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने उन्हें शनिवार को दोषी ठहराया था।

tiwarishalini
Published on: 24 July 2017 3:20 PM IST
निठारी कांड: CBI की स्पेशल कोर्ट ने पंढेर-कोली को सुनाई सजा-ए-मौत
X
निठारी कांड: CBI की स्पेशल कोर्ट ने पंढेर-कोली को सुनाई सजा-ए-मौत

गाजियाबाद: राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के निठारी में वर्ष 2006 के रेप और हत्या के कई मामलों में से एक में सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने व्यवसायी मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को एक 20 साल की युवती पिंकी सरकार के अपहरण, रेप, हत्या और आपराधिक साजिश रचने के मामले में मौत की सजा सुनाई।

अदालत ने उन्हें इस मामले में शनिवार को दोषी ठहराया था। विशेष अदालत के जस्टिस पवन कुमार त्रिपाठी ने युवती के अपहरण, हत्या और रेप, सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और आपराधिक साजिश रचने के मामले में पंढेर और कोली के लिए सजा का ऐलान किया।

यह भी पढ़ें .. निठारी कांड: CBI कोर्ट ने 7वें मामले में भी सुरेंद्र कोली को सुनाई मौत की सजा

जज ने कोली पर धारा 302 के तहत 10,000 रुपये का जुर्माना, हत्या की मंशा से अपहरण करने के लिए 10 वर्षो की जेल की सजा व 10,000 रुपये का जुर्माना, धारा 376 (दुष्कर्म) व धारा 511 (आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दंड) के तहत 10 सालों की जेल की सजा तथा धारा 201 (अपराध के साक्ष्य का विलोपन या अपराधी को प्रतिच्छादित करने के लिए झूठी इत्तिला देना) के तहत 10,000 रुपये का जुर्माना, सात साल जेल की सजा तथा 5,000 रुपए का और जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर जेल की सजा बढ़ा दी जाएगी।

वहीं, पंढेर पर धारा 302 के तहत 10,000 रुपये का जुर्माना, धारा 376 तथा 511 के तहत सात साल जेल की सजा व 10,000 रुपये का जुर्माना और धारा 201 के तहत सात साल जेल की सजा तथा 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

सीबीआई ने 29 दिसंबर, 2006 को यह मामला दर्ज किया था और यह निठारी कांड में दर्ज आठवां मामला है। सजा सुनाए जाने के वक्त कोली और पंढेर अदालत में ही मौजूद थे।

अभियोजन पक्ष के वकील जे.पी.शर्मा ने दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। उन्होंने दलील दी थी कि फॉरेंसिक साक्ष्यों से यह साबित हो गया कि कोली ने युवती का अपहरण किया, उसके साथ दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी।

क्या है मामला ?

घटना पांच अक्टूबर, 2006 की है, जब पीड़िता अपने कार्यालय से घर लौट रही थी और निठारी में पंढेर के घर के सामने से गुजर रही थी।

कोली ने युवती को लालच देकर अंदर बुलाया और उसकी हत्या कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। जांचकर्ताओं ने उसकी खोपड़ी घर के पिछले हिस्से से बरामद की थी।

बचाव पक्ष के वकील देवराज सिंह ने पंढेर के उच्च रक्तचाव और मधुमेह से पीड़ित होने का हवाला देते हुए उसके लिए कम से कम सजा का अनुरोध किया था।

सिंह ने यह भी कहा कि यह साबित हो चुका है कि अपराध के दिन वह देहरादून में थे। उन्होंने यह दावा किया कि पंढेर को न्याय नहीं मिला, क्योंकि पिछले मामलों में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कोली को अपराध का आरोपी पाया न कि पंढेर को।

यह खौफनाक मामला साल 2006 में सामने आया था, जब पुलिस ने नोएडा के निठारी में स्थित पंढेर के घर के पास के नाले से 16 लोगों की खोपड़ियां और हड्डियां बरामद कीं, जिनमें से अधिकांश बच्चों की थीं। पंढेर को नरभक्षी करार दिया गया था।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story