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‘स्पार्किंग’ तो कभी ‘हरा पेड़ कट गया है’ पुलिस का कोड, ऐसे होता था मैसेज सर्कुलेट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस आपराधिक घटनाओं की जानकारी के लिए कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल करती रही है। स्पार्किंग हो रही है, हरा पेड़ कट गया, पतंग कट गई, सूखा पेड़ मिला है, आधा सूखा - आधा हरा पेड़ मिला है, डबल फेस हो गया है, जैसे कोड यूपी पुलिस इस्तेमाल करती है। हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, सांप्रदायिक तनाव जैसी सनसनीखेज घटनाओं के बाद तेजी और गोपनीयता के साथ मैसेज सर्कुलेट किया जाता रहा है। हाल में हुई बड़ी आपराधिक घटनाओं के चलते खबर है कि यूपी पुलिस अब इस चलन को दुबारा शुरू करने जा रही है।
ये हैं कुछ आपराधिक घटनाओं के कोड वर्ड्स
गोली मारकर हत्या हो या फिर धारदार हथियार से हत्या। पुलिस के जवान कोड वर्ड्स में सेकेंडों में अपने अफसरों तक वारदात की जानकारी पहुंचाते रहे हैं। गोली मारकर हत्या होती है तो उसके लिए बताया जाता है कि ‘हरा पेड़ गिर गया है’, वहीं अगर धारदार हथियार से वार करके हत्या की जाती है तो पुलिसिया कोड में ‘हरा पेड़ काटा गया’ जैसा मैसेज पास किया जाता रहा है। अपहरण जैसे मामले को ‘बच्चा चॉकलेट मांग रहा है’ और गाड़ी चोरी होने पर ‘हाथी चला गया है’ जैसे कोड इस्तेमाल होते रहे हैं।
307 यानि जानलेवा हमला होने पर ‘आधा सूखा- आधा हरा पेड़ मिला है’, वहीं अज्ञात डेड बॉडी मिलने पर ‘सूखा पेड़ मिला’ जैसे कोड का इस्तेमाल होता रहा है।
चेन लूट होने पर ‘पतंग कट गई’ तो बड़ी चोरी होने पर ‘कार पंचर हो गई’ कोड का इस्तेमाल होता रहा है। अगर कहीं डकैती के साथ हत्या होती है ( जैसे दो लोगों की हत्या होती है) तो ‘ दो लीटर दूध फट गया’ का इस्तेमाल होता रहा है। इससे अधिक या कम व्यक्तियों की डकैती के दौरान हत्या पर दूध के लीटर की मात्रा घटाई- बढ़ाई जाती रही है।
पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा के मामले में भी कोडवर्ड बना रखे हैं। हिंदू मुस्लिम के बीच विवाद होने पर ‘ स्पार्किंग हो रही है’ तो लखनऊ में शिया सुन्नी जैसे विवाद पर ‘डबल फेज हो गया है’ जैसे कोड का इस्तेमाल होता रहा है।