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Sabse Bada Drug Mafia: कैसे पाब्लो एस्कोबार बना किंग ऑफ कोकीन? जानिए कुख्यात ड्रग माफिया की पूरी कहानी
Sabse Bada Drug Mafia: पाब्लो एस्कोबार कोलंबिया का सबसे कुख्यात ड्रग माफिया था जिसे 'किंग ऑफ कोकीन' भी कहा जाता है।
Sabse Bada Drug Mafia
Biggest Drug Mafia: दुनिया में बहुत से ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपने अपराधों, शक्ति और दौलत के लिए इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है। लेकिन जब कोलंबिया की धरती पर जब 'पाब्लो एस्कोबार' का नाम लिया जाता है, तो वह केवल एक कुख्यात ड्रग माफिया नहीं, बल्कि सत्ता, अपराध और अपार संपत्ति का पर्याय बन जाता है। एस्कोबार ने न सिर्फ वैश्विक ड्रग व्यापार की तस्वीर बदल दी, बल्कि कोलंबिया की राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज के ताने-बाने को भी अपनी मर्जी के मुताबिक मोड़ दिया। उसकी कहानी महज़ अपराध की नहीं, बल्कि सत्ता की भूख, सामाजिक प्रभाव और अंततः विनाश की दास्तान है - एक ऐसा सफर, जिसने उसे अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह तो बनाया, लेकिन अंत में उसी दुनिया ने उसे निगल भी लिया।यह लेख पाब्लो एस्कोबार के उत्थान से लेकर उसके खौफनाक पतन तक की विस्तृत यात्रा को दर्शाता है।
प्रारंभिक जीवन
पाब्लो एमिलियो एस्कोबार गेविरिया(Pablo Emilio Escobar Gaviria) का जन्म 1 दिसंबर 1949 को कोलंबिया के रियोनेग्रो शहर में एक साधारण परिवार में हुआ था। पाब्लो के पिता किसान और मां एक प्राथमिक स्कूल में शिक्षिका थीं। एस्कोबार का बचपन मेडेलिन में बीता जहां परिवार आर्थिक तंगी और अभाव से जूझता रहा। गरीबी ने पाब्लो को बहुत कम उम्र में अपराध की ओर मोड़ दिया। पाब्लो ने अपने अपराधी जीवन की शुरुआत कब्र के पत्थर चुराकर और उन्हें बेचकर की, साथ ही नकली डिप्लोमा और लॉटरी टिकट बेचना, चोरी और कारों की तस्करी जैसे अपराध भी पाब्लो शुरुआती दिनों का हिस्सा लेता रहा । और ये छोटे-छोटे अपराध ही आगे चलकर पाब्लो को अपराध की दुनिया में बड़ा नाम दिलाने की नींव बने।
ड्रग साम्राज्य की नींव
1970 के दशक में जब अमेरिका में कोकीन की मांग तेजी से बढ़ने लगी तो पाब्लो एस्कोबार ने इस मौके को भांपते हुए 1976 में मेडेलिन कार्टेल की स्थापना की। इस कार्टेल ने पेरू, बोलीविया और कोलंबिया से कोकीन खरीदकर उसे अमेरिका तक पहुंचाने के लिए एक बेहद संगठित और विशाल नेटवर्क तैयार किया। 1980 के दशक तक मेडेलिन कार्टेल ने कोकीन तस्करी के साम्राज्य को इतना फैला लिया था कि वह अमेरिका और यूरोप में सप्लाई होने वाली लगभग 80% कोकीन पर नियंत्रण रखने लगा। पाब्लो एस्कोबार का यह नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े और सबसे ताकतवर ड्रग सिंडिकेट के रूप में उभरा, जिसने वैश्विक ड्रग व्यापार की दिशा ही बदल दी।
बेतहाशा दौलत और ताकत
पाब्लो एस्कोबार की अकूत संपत्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह 1987 से 1993 तक लगातार सात साल Forbes की दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल रहा। 1980 के दशक के मध्य तक उसकी अनुमानित संपत्ति लगभग $30 बिलियन डॉलर थी, जो आज के हिसाब से करीब $65–70 बिलियन डॉलर के बराबर मानी जाती है। एस्कोबार के पास इतनी अधिक नकदी थी कि उसे खेतों, गोदामों और घरों की दीवारों में छुपाना पड़ता था लेकिन हर साल उसकी दौलत का लगभग 10% हिस्सा करीब $2 बिलियन चूहे कुतर जाते थे या नमी और सड़न से बर्बाद हो जाता था। इतना ही नहीं, नकदी के बंडल बांधने के लिए हर महीने लगभग $2,500 सिर्फ रबर बैंड पर खर्च होते थे, जैसा कि उसके भाई और कार्टेल के अकाउंटेंट, रोबर्टो एस्कोबार ने बताया था। जानकारी के अनुसार मृत्यु के समय पाब्लो एस्कोबार की अनुमानित संपत्ति लगभग 30 अरब डॉलर थी, जो आज के हिसाब से लगभग 80 अरब डॉलर है ।
'रोबिनहुड' की छवि
पाब्लो एस्कोबार ने मेडेलिन के गरीब तबके में खुद को 'रोबिनहुड' जैसी छवि के रूप में स्थापित किया था। उसने झुग्गी बस्तियों में घर, स्कूल, अस्पताल और चर्च बनवाए, साथ ही फुटबॉल मैदान और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण भी करवाया। इन प्रयासों के चलते गरीबों में उसकी लोकप्रियता बेहद बढ़ गई थी। यह उदारता दरअसल उसकी जनसंपर्क रणनीति का हिस्सा थी, जिससे स्थानीय लोग उसके खिलाफ न जाएं और पुलिस या अधिकारियों को उसके बारे में जानकारी न दें। मेडेलिन की जनता ने अक्सर उसकी मदद की चाहे पहरेदारी करके, अधिकारियों से जानकारियाँ छुपाकर या उसकी सुरक्षा के लिए।
तस्करी के तरीके
पाब्लो एस्कोबार ने कोकीन की तस्करी के लिए कई इनोवेटिव और चौंकाने वाले तरीकों का इस्तेमाल किया जिससे वह लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से बाहर रहा। कार्टेल छोटे हवाई जहाजों, समुद्री जहाजों, जंगलों में छिपी लैब्स और गुप्त रनवे का उपयोग करता था। ड्रग्स को अक्सर विमानों के पुराने टायरों, जहाजों के गुप्त हिस्सों या अन्य सामानों के अंदर छुपाकर भेजा जाता था। समुद्री मार्गों के ज़रिए तस्करी आम बात थी, और कभी-कभी पनडुब्बियों जैसी उन्नत तकनीकों का भी उपयोग किया गया। पाब्लो एस्कोबार ने तस्करी को सुचारु बनाने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों से सांठगांठ की और वेनेजुएला बॉर्डर के पास गुप्त हवाई पट्टियाँ भी बनाईं जिससे विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ को गुप्त रखा जा सके। इतना ही नहीं कई बार ड्रग्स को इंसानों के शरीर के अंदर छुपाकर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार पहुंचाया गया - यह खतरनाक तरीका कई ड्रग नेटवर्क, विशेष रूप से मेडेलिन कार्टेल द्वारा अपनाया गया था।
राजनीति में प्रवेश
1982 में पाब्लो एस्कोबार ने कोलंबिया की संसद में वैकल्पिक प्रतिनिधि के रूप में प्रवेश किया जिसका मुख्य उद्देश्य अपने ड्रग साम्राज्य को राजनीतिक ताकत और वैधता दिलाना था। हालांकि उसके आपराधिक संबंध जल्दी ही उजागर हो गए और 1983-84 में उस पर सार्वजनिक और राजनीतिक दबाव बढ़ने लगा। कांग्रेस ने उसकी विशेष छूट वापस ले ली जिससे एस्कोबार को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद एस्कोबार और कोलंबियाई सरकार के बीच खुला युद्ध छिड़ गया जिसमें हिंसा, हत्या और आतंक का लंबा दौर चला।
हिंसा और आतंक का दौर
पाब्लो एस्कोबार का कुख्यात 'Plata o Plomo' सिद्धांत अर्थात 'पैसे लो या गोली खाओ' उसकी आपराधिक रणनीति का सबसे घातक हथियार था। वह अधिकारियों, पुलिसकर्मियों, नेताओं और विरोधियों को या तो रिश्वत देता था या फिर हिंसा का शिकार बनाता था। एस्कोबार ने सैकड़ों पुलिसकर्मियों, न्यायाधीशों, पत्रकारों और नेताओं की हत्या करवाई और भ्रष्टाचार, धमकी तथा हत्या को अपने साम्राज्य की नींव बना लिया था। उसके आदेश पर कई बम धमाके भी हुए, जिनमें निर्दोष नागरिकों की जान गई। 1989 में बोगोटा स्थित DAS बिल्डिंग पर हमला और Avianca Flight 203 को बम से उड़ाया जाना, जिसमें सौ से अधिक लोग मारे गए, इसके सबसे वीभत्स उदाहरण हैं। एस्कोबार की यह नीति इतनी प्रभावशाली थी कि उसने कोलंबिया के पूरे तंत्र को भय और भ्रष्टाचार के शिकंजे में जकड़ लिया था।
'ला काटेड्राल'- एस्कोबार की खुद की जेल
1991 में कोलंबियाई सरकार ने ड्रग माफिया पाब्लो एस्कोबार के साथ एक विवादास्पद समझौता किया जिसके तहत उसका अमेरिका को प्रत्यर्पण रोक दिया गया और बदले में उसने आत्मसमर्पण कर दिया। इस समझौते के तहत एस्कोबार को एक विशेष लक्ज़री जेल 'ला काटेड्राल' में रखा गया जो मेडेलिन के पास स्थित थी और जिसे एस्कोबार ने खुद अपनी पसंद और आराम के अनुसार बनवाया था। इस जेल में टीवी, टेलीफोन, गार्डन, झरना, पार्टी की सुविधा और अन्य कई लक्ज़री इंतज़ाम थे। हालांकि जेल में रहते हुए भी एस्कोबार ने अपनी आपराधिक गतिविधियाँ बंद नहीं कीं। जब सरकार को इस बात की जानकारी मिली और उसे दूसरी जेल में स्थानांतरित करने की कोशिश की गई, तो एस्कोबार 'ला काटेड्राल' से फरार हो गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उसने कानून से समझौता नहीं, बल्कि उसे मात देने की योजना बनाई थी।
राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज पर प्रभाव
पाब्लो एस्कोबार ने अपनी दौलत का इस्तेमाल न सिर्फ कोलंबिया में ड्रग साम्राज्य खड़ा करने में किया बल्कि राजनीति में भी गहरी पैठ बनाई। 'प्लाटा ओ प्लोमो' यानी 'चांदी या सीसा' की नीति के तहत वह नेताओं, अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को या तो रिश्वत देता था या उन्हें मौत के घाट उतरवा देता था। उसके इस प्रभाव के चलते कई सरकारी फैसले भी उसकी मर्जी के अनुसार लिए जाते थे। 1990 के दशक में कोलंबिया की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा अवैध ड्रग व्यापार पर निर्भर हो गया था और अकेले मेडेलिन कार्टेल की सालाना कमाई अरबों डॉलर में आँकी गई थी। एस्कोबार ने अपनी छवि को बेहतर दिखाने के लिए समाज के गरीब वर्गों पर भी ध्यान दिया। उसने झुग्गी बस्तियों में घर, स्कूल, अस्पताल और खेल मैदान बनवाए, जिससे उसकी छवि एक “रॉबिन हुड” जैसी बनने लगी। लेकिन इन सबका असली उद्देश्य केवल जनता की सहानुभूति और राजनीतिक समर्थन हासिल करना था जिससे वह अपने आपराधिक साम्राज्य को और मज़बूती दे सके।
शिकार बन गया शिकारी
1992 से 1993 तक पाब्लो एस्कोबार दुनिया का सबसे ज्यादा खोजा गया अपराधी बन चुका था। उसके खिलाफ कोलंबियाई पुलिस, अमेरिका की ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (DEA), और 'Los Pepes' नामक एक निजी मिलिशिया जिसमें एस्कोबार के दुश्मन और मारे गए पुलिसकर्मियों के परिजन शामिल थे जो एक साथ मिलकर काम कर रहे थे। पूरे देश में उसके ठिकानों पर छापे मारे जा रहे थे और हर कदम पर उसकी निगरानी की जा रही थी। अंततः 2 दिसंबर 1993 को अपने जन्मदिन के अगले ही दिन, एस्कोबार मेडेलिन में एक घर में छुपा मिला। जब उसने भागने की कोशिश की, तो पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें उसे सिर, पैर और छाती में गोली लगी और वहीं उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के तुरंत बाद उसकी तस्वीरें अखबारों और टीवी चैनलों पर छा गईं, जिससे यह दुनिया को स्पष्ट हो गया कि कोलंबिया ने अपने सबसे कुख्यात अपराधी का अंत कर दिया है।
एस्कोबार के पतन के बाद का कोलंबिया
पाब्लो एस्कोबार की मृत्यु के साथ ही मेडेलिन कार्टेल का तेज़ी से पतन शुरू हो गया। उसका साम्राज्य बिखर गया और कोकीन व्यापार पर उसका नियंत्रण समाप्त हो गया। जल्द ही इस खाली स्थान को कैली कार्टेल ने भर दिया, जो कुछ समय तक ड्रग व्यापार पर हावी रहा लेकिन 1990 के दशक के मध्य तक उसके प्रमुख नेता भी मारे गए या गिरफ्तार कर लिए गए। एस्कोबार की मौत के बाद कोलंबियाई सरकार ने ड्रग माफियाओं के खिलाफ अपनी रणनीति को और सख्त किया। अमेरिका के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाए गए जिससे कोलंबिया की नशा तस्करी के खिलाफ वैश्विक छवि बेहतर हुई। हालांकि पुराने माफियाओं के स्थान पर नए समूह जरूर उभरे लेकिन एस्कोबार जैसा प्रभावशाली, भयावह और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुख्यात ड्रग लॉर्ड दोबारा सामने नहीं आया।
विरासत और सांस्कृतिक प्रभाव
पाब्लो एस्कोबार की जिंदगी आज भी दुनियाभर के लोगों को रोमांचित करती है। उसकी क्रूरता, धन, ताकत और अपराध के बीच जटिल जिंदगी एक ऐसी कथा बन चुकी है जो किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं लगती। नेटफ्लिक्स की मशहूर सीरीज Narcos ने एस्कोबार की कहानी को वैश्विक मंच पर पहुंचा दिया जिससे उसकी छवि और इतिहास अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के बीच गहराई से रच-बस गया । आज मेडेलिन में पर्यटक एस्कोबार से जुड़ी जगहों जैसे उसका पुराना घर, ला काटेड्राल जेल और उसकी कब्र का दौरा करते हैं जिसे "नार्को टूरिज़्म" कहा जाता है। हालांकि यह ट्रेंड स्थानीय स्तर पर विवादों में भी रहता है फिर भी इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। दिलचस्प बात यह है कि आज भी एस्कोबार को लेकर समाज बंटा हुआ है- कुछ लोग उसे गरीबों के लिए किए गए कार्यों के कारण 'नायक' मानते हैं, जबकि अधिकतर लोग उसे कोलंबिया का सबसे बड़ा अभिशाप और हिंसा, भ्रष्टाचार व तबाही का प्रतीक मानते हैं।
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