Politician A.Raja: सामाजिक न्याय के ध्वजवाहक से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल तक का शानदार सफर तय करने वाले जनता के प्रिय नेता हैं ए. राजा

Politician A.Raja: द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी के नेता ए. राजा नीलगिरी (अनुसूचित जाति) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से DMK के सांसद हैं और लोकसभा में DMK संसदीय दल के मुख्य सचेतक के पद पर कार्यरत हैं।

Jyotsna Singh
Published on: 10 May 2025 2:29 PM IST
Politician A.Raja
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Politician A.Raja (Image Credit-Social Media)

Politician A.Raja Biography: द्रविड़ राजनीति की मुख्यधारा में दशकों से एक प्रमुख चेहरा रहे ए. राजा का राजनीतिक जीवन समाज के सबसे वंचित तबकों की आवाज़ को संसद तक पहुंचाने का संघर्ष रहा है। वकालत के पेशे से राजनीति में आए राजा ने न केवल नीलगिरी जैसी आरक्षित सीट से लगातार चुनाव जीतकर लोकप्रियता हासिल की, बल्कि संचार, पर्यावरण और ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालयों में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर राष्ट्रीय राजनीति में एक प्रभावशाली स्थान भी बनाया। ए. राजा वर्तमान समय (मई 2025) में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पार्टी से जुड़े हुए हैं। वे नीलगिरी (अनुसूचित जाति) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से DMK के सांसद हैं और लोकसभा में DMK संसदीय दल के मुख्य सचेतक (Chief Whip) के पद पर कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त वे संसद की कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी समिति, अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण समिति, तथा रक्षा मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी हैं।

जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि


ए. राजा का जन्म 10 मई, 1963 को तमिलनाडु के पेरामबलूर जिले के वेल्लोर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम एस. के. अंदिमुथु और माता का नाम चिनापिल्लई उर्फ कृष्णमल था। एक साधारण दलित परिवार में जन्मे राजा ने कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की और कानून की पढ़ाई कर वकील के रूप में कार्य करना शुरू किया।

शिक्षा

उन्होंने बी.एससी. की पढ़ाई मद्रास विश्वविद्यालय से सम्बद्ध आर्ट्स कॉलेज, मुसिरी से की। इसके बाद उन्होंने मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से कानून (बीएल) की डिग्री प्राप्त की। प्रारंभिक जीवन में शिक्षा के लिए उन्होंने जितने संघर्ष किए, वही संघर्ष आगे उनके राजनीतिक जीवन की दिशा भी निर्धारित करने वाला सिद्ध हुआ।

राजनीति में प्रवेश

1990 के दशक में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के माध्यम से ए. राजा ने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। सामाजिक न्याय, दलित अधिकार और तमिल अस्मिता जैसे मुद्दों पर गहरी पकड़ ने उन्हें पार्टी का विश्वसनीय चेहरा बना दिया। 1996 में पहली बार उन्हें नीलगिरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया, जहाँ से वे जीतकर 11वीं लोकसभा में पहुंचे।


चुनावी जीत और संसदीय भूमिका

1996 से लेकर अब तक ए. राजा पांच बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हो चुके हैं। नीलगिरी (एससी) सीट से उनकी पकड़ इतनी मज़बूत रही है कि तमाम विवादों और राजनीतिक उठापटक के बावजूद वे लगातार जनादेश प्राप्त करते रहे हैं।

उनकी संसदीय यात्रा

  • 1996 – 11वीं लोकसभा के लिए पहली बार निर्वाचित।
  • 1999 – 13वीं लोकसभा में दोबारा प्रवेश।
  • 2004 – 14वीं लोकसभा में पुनः निर्वाचित।
  • 2009 – 15वीं लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित।
  • 2019 – 17वीं लोकसभा में पाँचवीं बार जीत दर्ज की।
  • 2024 – 18वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित।

मंत्री पद पर कार्यकाल

राजा का केंद्रीय मंत्रिमंडल में कार्यकाल विविध मंत्रालयों में रहा है, जो उनके प्रशासनिक कौशल को दर्शाता है।

1999-2000: केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री।

2000-2003: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री।

2004-2007: केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पर्यावरण एवं वन।

2007-2010: केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री।

2G स्पेक्ट्रम विवाद और न्यायिक प्रक्रिया


उनका सबसे विवादास्पद कार्यकाल संचार मंत्रालय में रहा, जब 2G स्पेक्ट्रम आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोप लगे। इस मामले में 2011 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और जेल भी जाना पड़ा। हालांकि, लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद उन्हें 2017 में सीबीआई अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया। यह मुकदमा भारतीय राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हुआ और डीएमके की साख पर भी प्रभाव पड़ा। लेकिन ए. राजा ने इसे एक राजनीतिक साजिश करार देते हुए जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता बरकरार रखी।

सामाजिक सरोकार और दलित विमर्श

ए. राजा का राजनीतिक दर्शन सामाजिक न्याय और दलित उत्थान पर आधारित रहा है। वे खुद एक दलित समुदाय से आते हैं और उन्होंने बार-बार संसद में और अपने बयानों में यह मुद्दा उठाया है कि दलितों को सिर्फ आरक्षण नहीं, बल्कि प्रतिनिधित्व की भी ज़रूरत है। उनकी पुस्तक “To Drizzle on the Dust” में उन्होंने तमिलनाडु के सामाजिक ढांचे, जाति व्यवस्था और ब्राह्मणवादी संरचना की आलोचना करते हुए द्रविड़ आंदोलन की विरासत को उजागर किया है। उनकी इस किताब को दक्षिण भारत में दलित विमर्श के सशक्त दस्तावेज़ के रूप में देखा जाता है।

वर्तमान भूमिकाएं

2024 में फिर से लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद ए. राजा को कई महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में शामिल किया गया:

  • 26 सितंबर 2024 से सदस्य, कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय समिति।
  • 14 अगस्त 2024 से सदस्य, अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण समिति।
  • 13 अगस्त 2024 से सदस्य, वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त समिति।

सदस्य, रक्षा मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति। इसके अतिरिक्त, वे डीएमके संसदीय दल के मुख्य सचेतक भी हैं, जो पार्टी अनुशासन और रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

व्यक्तिगत जीवन


ए. राजा ने 4 फरवरी 1996 को एम.ए. परमेश्वरी से विवाह किया था, जिनका अब निधन हो चुका है। उनकी एक बेटी है। अपने पारिवारिक जीवन को वे बेहद निजी रखते हैं और राजनीति में अपने व्यक्तिगत अनुभवों को सार्वजनिक रूप से साझा करने से बचते हैं।

राजनीतिक छवि और आलोचना

राजा की छवि एक सशक्त वक्ता और नीतिगत मुद्दों पर स्पष्ट राय रखने वाले सांसद की रही है। वे डीएमके के उन नेताओं में से हैं जो संसद में बहसों में अपनी सहभागिता से चर्चा में रहते हैं। हालांकि, 2G विवाद ने उनकी छवि को गहरा धक्का पहुंचाया, लेकिन अदालती फैसलों और निरंतर जनसमर्थन ने उन्हें दोबारा स्थापित किया।


ए. राजा की राजनीतिक यात्रा तमिलनाडु की सामाजिक राजनीति, जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष और भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं के भीतर सत्ता-संरचना के संतुलन को दर्शाती है। एक साधारण गांव से निकलकर केंद्रीय मंत्रिमंडल तक का उनका सफर भारतीय लोकतंत्र में समानता और प्रतिनिधित्व के महत्व को भी रेखांकित करता है। वे आज भी नीलगिरी में दलित और वंचित वर्ग के लिए उम्मीद की एक मज़बूत किरण हैं और द्रविड़ राजनीति के प्रमुख स्तंभों में गिने जाते हैं।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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