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Corona Vaccination: 10वीं पास मास्टरमाइंड ने कराया फर्जी वैक्सीनेशन कैंप, जानिए लाखों रुपए लूटने के बाद कैसे पकड़ा गया
आज पूरा भारत कोरोना से जूझ रहा है ऐसे में वैक्सीनेशन ही एक ऐसा रास्ता है जिससे लोग कोरोना से निजात पा सकते हैं।
Corona Vaccination: आज पूरा भारत कोरोना से जूझ रहा है ऐसे में वैक्सीनेशन ही एक ऐसा रास्ता है जिससे लोग कोरोना से निजात पा सकते हैं। हम सभी जानते हैं कि इस समय देश में वैक्सीन की भारी कमी है। सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि वैक्सीन हर जगह उपलब्ध हो पर फिर भी कई ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें वैक्सीन को लेकर धांधली की जा रही है। एक ऐसा ही मामला मुंबई शहर से आया है, जिसमें फर्जी वैक्सीनेशन को लेकर पुसिल ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
इनमें एक शख्स बड़े हॉस्पिटल का कर्मचारी है। इनमें से मध्यप्रेदश का रहने वाला एक व्यक्ति वहां से नकली वैक्सीन सप्लाई करता था। बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड 10वीं फेल है। वैक्सीनेशन की सारी जिम्मेदारी उसी ने संभाल रखी थी। मुंबई के हिरानंदानी हेरिटेज सोसाइटी में फर्जी वैक्सीनेशन कैंप चलाकर 390 लोगों को नकली वैक्सीन की डोज लगाई गई थी।
जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने कुल 9 सोसाइटी में इस तरह के फर्जी कैंप लगाए थे। टीकाकरण के बाद लोगों को बुखार या किसी प्रकार का थकान का लक्षण नहीं दिखने से उन्हें इस कैंप पर शक हुआ। सोसाइटी के अधिकारियों ने इस बात की शिकायत पुलिस से की। जांच करने पर पता चला कि सारी वैक्सीन की सील टूटी हुई थी और सर्टिफिकेट भी नकली थे। मुंबई के एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिलीप सावंत ने बताया कि इस वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन सरकार या बीएमसी के ओर से नहीं कराया गया था। अभी तक वैक्सीन खरीदने के जरिया नहीं पता चल पाया है। वैक्सीन लगने के बाद दिए गए सर्टिफिकेट नकली थे और उसे किसी हॉस्पिटल की आईडी चुरा कर बनाया गया था।
पुसिल कमिश्नर ने बताया कि इस पूरे को गैंग एक 10वीं फेल व्यक्ति चला रहा था जो 17 साल से मेडिकल क्षेत्र में काम किया था। अभी इस केस में कुल चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है और अभी कुछ गिरफ्तार होने बाकी हैं। फर्जी वैक्सीनेशन कैंप चलाने के दौरान वहां कोई भी क्वालिफाइड डॉक्टर उपस्थित नहीं था। मध्य प्रदेश के सतना जगह से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है अन्य 9 जगह अभी पुलिस जांच की कार्रवाई कर रही है। इस फर्जीवाड़े में कोविशील्ड डोज लगाई गई थी और सभी डोज के लिए 1260 रुपए चार्ज किया गया था। सोसाइटी की ओर से 4 लाख 91 हजार 400 रुपए दिया गया था। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि राजेश पांडे नाम के एक शख्स ने खुद को कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल के सदस्य बताते हुए सोसाइटी कमेटी के सदस्यों से संपर्क किया था। आपको बता दें कि टीका लगने के बाद लोगों के मोबाइल पर किसी तरह का मैसेज नहीं आया था इसके अलावा भी टीकाकरण के दौरान फोटो लेने की अनुमति नहीं दी गई थी।
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