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गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी, पानी में डूबी फसलें, ग्रामीणों में दहशत
हापुड़: गढ़मुक्तेश्वर में खादर क्षेत्र में बाढ़ के हालात में सुधार नहीं होने से ग्रामीणों की समस्याएं समाप्त नहीं हो पा रही हैं। उनके सामने पशुओं का चारे लाने और बीमार परिजन को इलाज के लिए अस्पताल तक ले जाना बड़ी समस्या बनी है। खादर क्षेत्र की सड़कों पर बाढ़ का पानी आ जाने से कई गांवों के रास्ते बाधित हो गए हैं। गंगा में आई बाढ़ का पानी खादर क्षेत्र के कई गांवों और रास्तों में पहुंच गया। हाल ही में पानी का बहाव तेज होने के कारण कई बाइक सवार बहने लगे, जिन्हें स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला गया। गंगा नदी का पानी खादर क्षेत्र के मार्गों और खेतों में भर जाने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गंगा के बढ़ते जलस्तर से गंगा किनारे बसे दर्जनों गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
पलायन का मन बना रहे ग्रामीण
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से दर्जनों गांव के लोग पलायन करने के लिए सोच रहे हैं। पिछले दो दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ग्रामीणों के अपने खेतों तक न पहुंचने के कारण पशुओं के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसके अलावा कई गांवों के मुख्य रास्तों पर भी पानी आ जाने से आवागमन प्रभावित हो जाने से ग्रामीणों का पैदल निकलना मुश्किल हो गया है। इतना ही नहीं बच्चे स्कूलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं और विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। गांव भगवंतपुर, कुदैनी गांव में भी पानी आ जाने से वहां से गुजरने वाले राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर रात में पानी बढ़ता है, तो रास्ते पूरी तरह बंद हो जाएंगे और पशुओं के लिए चारे की विकट समस्या के साथ लोग अपने घरों में कैद होकर रह जाएंगे। गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि के कारण बिजनौर से पानी छोड़ा गया है। गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है। इससे किसानों की बैचेनी और बढ़ गई है इस संबंध में तहसीलदार मनोज ने बताया कि लेखपालों को बाढ़ चौकियों पर तैनात कर हालात पर नजर रखने के निर्देश दे दिए गए हैं।