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गाजियाबाद: राजकीय पॉलीटेक्निक कालेज परिसर 10 दिन में खाली करने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय पॉलीटेक्निक कालेज गाजियाबाद में जिला चुनाव अधिकारी द्वारा ईवीएम व अन्य सामान रख दस सालों से कब्जा जमाये रखने की तीखी आलोचना की है और कहा है कि चुनाव आयोग का ऐसा आचरण अतार्किक व अनुचित है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय पॉलीटेक्निक कालेज गाजियाबाद में जिला चुनाव अधिकारी द्वारा ईवीएम व अन्य सामान रख दस सालों से कब्जा जमाये रखने की तीखी आलोचना की है और कहा है कि चुनाव आयोग का ऐसा आचरण अतार्किक व अनुचित है। कोर्ट ने जिलाधिकारी को दस दिन में वैकल्पिक जगह तय कर कालेज से चुनाव आयोग का सामान शिफ्ट करने का निर्देश देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त उ.प्र. को इस कार्य में जिलाधिकारी का सहयोग करने का निर्देश दिया है।
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कोर्ट ने कालेज के गर्ल्स हॉस्टल व डायनिंग हाल में रखा सामान हटाकर उसे मूल रूप से बहाल करने का आदेश दिया है और कहा है कि यदि 15 फरवरी तक कालेज खाली नहीं किया गया तो जिलाधिकारी व मुख्य चुनाव आयुक्त कोर्ट में हाजिर होंगे।यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ तथा न्यायमूर्ति सी.डी.सिंह की खण्डपीठ ने जितेन्द्र वर्मा की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि 10अप्रैल 09 को जिला चुनाव अधिकारी ने कालेज परिसर में ईवीएम आदि चुनाव सामान रखने के लिए लिया।
चुनाव बीतने के बाद कालेज भवन खाली नहीं किया गया। कोर्ट ने जब जिलाधिकारी से जानकारी मांगी तो कोर्ट से छह का समय मांगा। कहा अन्य स्थान तय करके शिफ्ट किया जायेगा। कालेज के प्राचार्य ने हर छह माह पर लगातार कालेज परिसर खाली करने का अनुरोध किया किन्तु खाली नहीं किया गया। जिससे भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
दस साल बीत जाने केबाद भी आयोग कालेज परिसर में कब्जा जमाये हुए है। आयोग इस तरह से कालेज के छात्रों की सुविधाएं नहीं छीन सकता। इसे कोर्ट ने अनुचित माना और दस दिन के भीतर वैकल्पिक भवन में चुनाव सामान शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
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