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JANMASHTAMI SPECIAL: पूजा विधि को लेकर मन में है लाखों सवाल? यहां मिलेगा जवाब

tiwarishalini
Published on: 12 Aug 2017 1:03 PM IST
JANMASHTAMI SPECIAL: पूजा विधि को लेकर मन  में है लाखों सवाल? यहां मिलेगा जवाब
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शालिनी मल्होत्रा

सहारनपुर: वर्षा ऋतु के भाद्रपद की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म वृषभ लग्न और वृषभ राशि में हुआ था। रोहिणी नक्षत्र में जन्म होने के कारण श्रीकृष्ण की देवताओं में अहम भूमिका रही। अगर जातकों की कुंडली में चंद्र कमजोर हो, तो उन जातकों को चंद्र को उच्च करने के उपाय करने चाहिए।

प्रमुख ज्योतिषाचार्य आचार्य शालिनी मल्होत्रा से जानते हैं कि इस जन्माष्टमी कैसे श्रीकृष्ण की पूजा करें और इस जन्माष्टमी पर पूजन का विधान क्या हैं। -

स्नान करें

संकल्प ले और चाहे तो व्रत करे

जल और फल ही ग्रहण करे दिन भर

झूठ ना बोले

क्रोध ना करे

वास्तु टिप्स

प्रेम और विवाह की कामना करने वाले -राधा कृष्ण की फोटो लगाये

संतान प्रप्ति हेतु बाल कृष्ण की फोटो लगाये

धन की प्रप्ति या कोई भी इच्छा हेतु बंसी वाले श्री कृष्ण की फोटो रखे

इस दिन घर मे शंख या शालीग्राम को लाना भी शुभ माना गया है

श्रृंगार

श्री कृष्ण को फ़ूलॊ से श्रृंगार करे

गोपिचंदन का लगाये

चंदन की खुशबू लगाये

पीले वस्त्र पहनाये

वैजयंती के फूल चढ़ाना शुभ होता है

भोग: पंचामृत,मेवा,मक्खन,मिश्री,तुलसी दल,धनिया की पंजीरी,सात्विक भोजन का भोग लगाये

पूजा का विधान (रात 12 बजे )

आधी रात को धातु की श्री कृष्ण की प्रतिभा को पंचामृत से स्नान कराये और फिर जल से स्नान तुलसी दल अर्पित करे ।पंचामृत से स्नान शंख मे डाल कर कराये । पीले वस्त्र और पीली मिठाई का भोग लगाये । मख्खन और मिश्री का भोग लगाये। और श्री कृष्ण के मंत्रों क जप करे । पंचामृत और जल को प्रसाद के रुप मे ले । धनिया की पंजीरी भी प्रसाद मे ले ।

आगे की स्लाइड में पढें जल्द विवाह के लिए क्या करें ...

शीघ्र विवाह हेतु

सुगंध वाला जल अर्पित करे ।

पीले फूल और फल अर्पित करे ।

चंदन की माला से" गोकुल नाथाय नम : "का जप करे ।

विद्या की प्रप्ति के लिये जन्माष्टमी पर करे ये उपाय

श्री कृष्ण को केसर मिले जल से अभिषेक कराये।

पीले वस्त्र धारण करके ये उपाय करे ।

पीली वस्तुओं का भोग लगाये ।

मंत्र

ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे॥

इस मंत्र को जितना हो सके जप करे । मंत्र जप चंदन की या तुलसी की माला से करे ।108 बार कम से कम करे ।केसर मिले जल को प्रसाद मे ले ।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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