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माता हरबंस कौर स्मृति दिवस पर ‘मां तुझे सलाम’ कवि सम्मेलन
नयी दिल्ली: माता हरबंस कौर के 11 वीं स्मृति दिवस पर आयोजित ‘मां तुझे सलाम’ कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन उनके सुपुत्र विजय प्रशांत ( कवि एवं साहित्यकार ) द्वारा महाराजा अग्रसेन भवन, रोहिणी सेक्टर 16 में किया गया जिसकी अध्यक्षता मशहूर शायर मंगल नसीम ने की। विशिष्ट अतिथि जगदीश मित्तल (अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम), कृष्ण गोपाल विद्यार्थी, ओमप्रकाश प्रजापति (संपादक -ट्रू मीडिया ) थे।
इस कार्यक्रम में 11 राष्ट्रीय एवं नवांकुर कवियों को सम्मानित किया गया। इनमें कवि विनय शुक्ल विनम्र, कृष्ण गोपाल विद्यार्थी, बलजीत कौर ,मोहम्मद आरिफ, रामश्याम हसीन, काली शंकर शौम्य,सतेन्द्र सत्यार्थी, श्वेताभ पाठक, संजय कुमार गिरि, एवं रसिक गुप्ता शामिल रहे।
इस अवसर पर सभी सम्मानीय अतिथियों को स्मृति चिन्ह,शौल एवं पुष्पहार भेंट कर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन विनय शुक्ल विनम्र ने किया।
शायर फखरुद्दीन अशरफ की इस रचना को खूब सराहा गया :
हकीकत में जो खूबसूरत बहुत है ,
उसे आईनों की जरूरत बहुत है,
जहां सारा ले लो फकत मां को देदो,
मुझे बस ये ममता की मूरत बहुत है॥
कवि संजय गिरि ने अपने काव्य पाठ से माहौल में जोश भर दिया :
है इतना जोश दिल में जो लगा दें आग पानी में
खड़े हैं शान से ये देख लिए दुनिया जवानी में
बढ़ा सकता नहीं दुश्मन कभी अपना कदम आगे
तिरंगा शान से लहरा रहा अपनी रवानी में॥
शायर मंगल नसीम ने यह रचना सुनाई :
क्या सीरत क्या सूरत थी
माँ ममता की मूरत थी
पाँव छुए और काम हुए
अम्मा एक महूरत थी॥
कवि रामश्याम हसीन ने भी बहुत शानदार गजल कही :
बड़े खुलूस से मंदिर को रोज जाता है
वो जिसके नाम से हर शख्स थरथराता है
उतारा जाता है चुन- चुन के सर उसी गुल का
हमारे शहर में जो फूल मुस्कुराता है॥