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फिर पाकिस्तान बेइज्जत: नहीं मिला किसी का साथ, UNICEF में उठाया था ये मुद्दा
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और लगातार कश्मीर के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मामला बनाने की फिराक में जुटा है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और लगातार कश्मीर के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मामला बनाने की फिराक में जुटा है। हालांकि कई देशों ने भारत का साथ देते हुए इस मामले को भारत का आंतरिक मामला करार दिया है। फिर भी पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय बनाने में जुटा हुआ है और एक बार फिर से उसने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कश्मीर के मुद्दे को कोशिश की।
दरअसल, श्रीलंका के कोलम्बो में हो रहे यूनिसेफ की दक्षिण एशियन पार्लियामेंट कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर के मुद्दे को उठाने की कोशिश की। लेकिन पाकिस्तान का ये मकसद श्रीलंका में नाकाम हो गया और इस पर भारत ने भी पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। सम्मेलन में उपस्थित कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने पाकिस्तान को भारत की तरफ से करारा जवाब दिया है।
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गोगोई ने कहा जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक-
UNICEF दक्षिण एशियाई संसदीय सम्मेलन में पाकिस्तान को सम्बोधित करते हुए गोगोई ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है और भारतीय लेकतंत्र कश्मीर पर निर्णय ले सकता है। पाकिस्तान अपने समस्याओं पर ध्यान दें। पाकिस्तान अपने मानवाधिकारों, ईश निंदा और अल्पसंखयकों के अधिकारों पर काम करें।
बता दें किर मालदीव की चौथे दक्षिण एशियाई स्पीकर्स के अचीविंग द सस्टेनेबल गोल्स शिखर सम्मेलन में भारत-पाकिस्तान के सांसदों का सामना हुआ। जहां पाकिस्तान के डिप्टी स्पीकर कासीम खान सूरी ने कश्मीर का मुद्दा उठाया और भारत पर कश्मीर के विशेषाधिकारों को खत्म करने के बाद मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है। इस पर भारत की ओर से राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने पाकिस्तान के इन दावों को सख्ती से खारिज कर दिया।
ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश की हो, इससे पहले भी उसने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को उठाने का प्रयास किया है। लेकिन हर बार पाकिस्तान को नाकामी ही हासिल हुई है।
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