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PM मोदी के नक्शेकदम पर CM योगी, मुस्लिम टोपी पहनने से किया इंकार
लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने संत कबीर की मज़ार पर टोपी पहनने से इंकार कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले तैयारियों का जायज़ा लेने सीएम संत कबीर नगर के मगहर में कबीर की मज़ार पर पहुंचे थे। जहां एक मौलवी ने उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की, लेकिन योगी ने मौलवी का हाथ पकड़कर टोपी को अपने से दूर कर दिया। इस से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर वर्ष 2011 में नरेंद्र मोदी ने अपने तीन दिन के सद्भावना उपवास के दौरान मुस्लिम मौलाना की ओर से दी गई टोपी पहनने से इंकार कर दिया जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है।
सीएम पर हमलवार हैं कांग्रेस और सपा
कांग्रेस और सपा सीएम पर हमलवार हैं। वहीं, मज़ार के संरक्षक खादिम हुसैन ने पूरे विवाद पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है, कि विवाद की कोई वजह नहीं है। सीएम ने कहा मैं टोपी नहीं पहनना चाहता, और मुस्कुरा कर टोपी लौटा दी। गौरतलब है कि संत कबीर की 500वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संत कबीर नगर में हैं। जहां पीएम ने संत कबीर की मज़ार पर चादर चढ़ाई और कबीर एकेडमी रिसर्च सेंटर की आधारशिला रखी है।
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने संत कबीर की 500वीं पुण्यतिथि पर मगहर संतकबीर नगर में हैं। संत कबीर की मज़ार पर चादर चढाने और कबीर एकेडमी रिसर्च सेंटर की आधारशिला रखने के बाद पीएम सभा को सम्बोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के दौरे को 2019 के लोकसभा चुनाव अभियान के आगाज़ के तौर पर देखा जा रहा है।
शुरू हो गई है राजनीति
इससे पहले प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों का जायज़ा लेने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने संत कबीरदास की मज़ार पर टोपी पहनने से इंकार दिया था।
सीएम योगी आदित्यनाथ के मुस्लिम टोपी पहनने से इंकार करने पर राजनीति भी शुरू हो गई है। काँग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी कहते हैं, कि सीएम अगर मज़ार पर गए थे और टोपी पहन लेते तो धर्म पर कोई आँच नहीं आती। सपा नेता व एमएलसी सुनील साजन कहते हैं, सीएम का यह कृत्य उन की मानसिकता दर्शाने के लिए काफी है। जीवन भर छुआ छूत के खिलाफ संघर्ष करने वाले संत कबीरदास की मज़ार पर सीएम को ऐसा नहीं करना चाहिए था।