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जब कलेजा कंपा देने वाली दुष्कर्म की घटनाओं से उबल उठा भारत

Anoop Ojha
Published on: 6 Aug 2018 4:29 PM IST
जब कलेजा कंपा देने वाली दुष्कर्म की घटनाओं से उबल उठा भारत
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प्रतीकात्मक फोटो

संजय तिवारी

लखनऊ: देश में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और दुष्कर्म के मामले रुक नहीं रहे। लाख कोशिशों के बाद भी कभी मुजफ्फरपुर और कभी देवरिया जैसी घटनाएं सामने आती है। ये तो सामने आने वाली घटनाएं है लेकिन ऐसा प्रायः सभी महानगरों में किसी न किसी रूप में हो रहा है। जब कोई लड़की हिम्मत जुटाकर आगे बढ़ती है तभी ऐसे मामले खुलते हैं। कुछ दिन हल्ला गुल्ला होता है। सुर्खियां बनती हैं और फिर सब पूर्ववत हो जाता है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण निर्भया काण्ड में देश देख चुका है। दुनिया को हिला देने वाली निर्भया की घटना के बाद भी कुछ बदला हो, ऐसा लगता नहीं। देश में प्रतिदिन बलात्कार की घटनाएं बड़ती ही जा रहीं हैं, ऐसा लगने लगा है जैसे कानून व्यवस्था को इन दुराचारियों ने खिलौना समझ लिया है। पिछले दिनों बुलंदशहर में हुई घटना भी किसी को भूली नहीं होगी जब पति और पिता सामने ही पत्नी और बेटी को गुंडों ने नोच डाला।

जम्मू और मुजफ्फर नगर की घटनाएं अभी भी भूली नहीं हैं। क्षेत्रीय अखबारों को पढ़ने पर यह स्थिति और भी भयावह तस्वीर दिखाती है। कोई दिन ऐसा नहीं जिस दिन के अख़बार में बलात्कार की खबरें न हो। समाज जितना ही सभ्य और प्रगतिशील होने का दावा करता है, इस तरह की घटनाएं उसी अनुपात में सामने आ रही हैं। सब देख कर लगता है जैसे क़ानून का खौफ ही खत्म हो गया है।

अजमेर में 100 छात्राओं साथ दुष्कर्म

देश वास्तव में बहुत जल्दी घटनाओं को भूल जाता है। आज से तकरीबन 26 बरस पहले अजमेर में सबसे भयावह दुष्कर्म काण्ड हुआ था। कांग्रेस पार्टी के एक नेता और अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े युवकों ने मिल कर अजमेर में एक सौ से अधिक लड़कियों के साथ ब्लैकमेल कर दुष्कर्म किया। ये कोई गरीब परिवारों की बेबस लडकियां नहीं थीं बल्कि अजमेर में दिनों तैनात कई बड़े अधिकारियों और शहर के संभ्रांत परिवारों की बेटियां थीं। घटना इतनी भयावह थी कि इनमे से बहुत सी लड़कियों ने बाद में आत्महत्या कर ली थी। 30 मई 1992 को तत्कालीन आरपीएस अधिकारी डीएसपी हरिप्रसाद शर्मा जांच के बाद अजमेर के गंज थाने में इस मामले में फोटो खींचकर युवतियों के साथ दुष्कर्म किए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि एक गिरोह युवतियों की अश्लील फोटो खींचकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है और कई युवतियों से दुष्कर्म भी किया गया है। रिपोर्ट पर सीआईडी सीबी ने जांच करते हुए 22 पीड़िताओं को ढूंढ निकाला और 18 लोगों को आरोपी बनाया। इनमें से कुछ आरोपियों को सजा हो चुकी है, जबकि दो आरोपी अल्मास महाराज और सोहिल गनी फरार चल रहे थे। इनमे से सोहेल गनी ने 25 साल के बाद अदालत में समर्पण किया था।इस प्रकरण के 167 गवाहों में से 72 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। जिन पीड़िताओं के अदालत में नहीं आने की बात कही गई है, वे पूर्व में अदालत में पेश होकर आरोप दोहरा चुकी हैं। इस पूरे प्रकरण पर वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु टाक ने एक रिपोर्ट लिखी है जो काफी चर्चा में है।

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वचाती का सामूहिक बलात्कार काण्ड

देश में यह अपनी तरह का भयावह दुष्कर्म था जिसमे सैकड़ों लोगों ने 18 महिलाओ को अपना निशाना बनाया था। उस समय तमिलनाडु में वीरप्पन का खौफ था। वचाती कांड 20 जून 1992 को हुआ था। एक 269 सदस्यों के दल ने जिसमें वन विभाग के कर्मचारी और पुलिस शामिल थी इस दलित गांव में चन्दन तस्कर वीरप्पन की खोज में घुसे। खोज के दौरान दल ने उनके घरों में तोड़-फोड़ की और 18 महिलाओं के साथ बलात्कार किया। इस मामले को लेकर देश में बहुत हंगामा हुआ। सीबीआई जांच के बाद सभी को दोषी करार दिया गया। 54 लोगों की जांच के समय ही मौत हो गयी और 215 लोगों को जेल भेज दिया गया।

दिल्ली का चर्चित निर्भया बलात्कार कांड

इस घटना से तो सभी ठीक से वाकिफ हैं। दिल्ली के इस निर्भया बलात्कार कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। एक 23 वर्षीय लड़की और उसका दोस्त फिल्म देख कर घर लौट रहे थे। मुनिरका से द्वारका लौटने के लिए वे दोनों वाइट लाइन बस में चढ गए। बस के अन्दर बैठे लोगों ने पहले लड़की के साथ छेड़-छाड़ शुरू कर दी। जब लड़की के दोस्त ने इसका विरोध किया तब एक लोहे की रोड से मारकर उसे बेहोश कर दिया गया। बलात्कारियों ने लड़की के साथ मार-पीट की और उसके साथ बलात्कार किया। बलात्कार के सभी 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, उनमे से राम सिंह नाम के आरोपी की कार्यवाही के दौरान जेल में ही मौत हो गयी। 4 आरोपियों को मौत की सज़ा सुनाई गयी और एक आरोपी जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम थी उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। यह मामला अभी भी चर्चा में रहता है। निर्भया बलिया रहने वाली थी। इस मामले में निर्भया के माता पिता का संघर्ष भी काफी मायने रखता है।

मध्यप्रदेश में स्विस महिला के साथ दुष्कर्म

मध्य प्रदेश में एक हृदयविदारक घटना हुई। 39 वर्षीय स्विस महिला के साथ उसके पति के सामने ही 6 लोगों ने बलात्कार किया था। यह घटना तब घटी जब स्विस दंपति अपने टेंट में आराम कर रहा था। उस वक्त 6 लोगों ने उन पर हमला कर दिया। इसमें पहले तो उनके साथ लूट-पाट की गयी, उसके पश्चात स्विस महिला के पति को बाँध दिया गया और बलात्कार किया गया। हलाकि इस मामले में पुलिस द्वारा सभी 6 आरोपियों को पकड़ लिया गया और दतिया फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को आजीवन कारावास और 10,000-10000 रूपये जुर्माना लगाया।-

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धौला कुआँ बलात्कार कांड

घटना दिल्ली की है। मिजोरम की रहने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा का 8 मई, 2005 कोधौला कुआँ के पास से 4 लोगों ने अपहरण कर उसके साथ चलती कार में बलात्कार किया। पुलिस ने इस घटना के मुख्य आरोपी अजीत सिंह कटियार को उसके नोएडा, घर से गिरफ्तार किया। अजीत सिंह के खिलाफ़ पुलिस ने चार्टशीट दायर की और न्यायालय द्वारा उसे दोषी करार देते हुए 14 वर्ष की सज़ा सुनाई गयी।

उतर प्रदेश में बदायूं चर्चित सामूहिक दुष्कर्म

यह उतर प्रदेश में बवंडर जैसी घटना थी। बदायू में सामूहिक दुष्कर्म की इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया था। गांव के ही तीन सगे भाइयों और उनके दो मित्रों ने दो नाबालिक लड़कियों के साथ बलात्कार कर उनको जिंदा ही पेड़ पर लटका दिया। पेड़ पर लटके रहने की वजह से उनकी मौत हो गयी। पुलिस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हो गयी। पता चला है कि अब इस बलात्कार कांड की जांच अभी भी सीबीआई द्वारा की जा रही है।

इमराना के साथ उसी के ससुर ने किया बलात्कार

यह मामला भी सुर्ख़ियों में रहा है। इमराना बलात्कार कांड यौन उत्पीड़न की ऐसी घटना थी जिसमें एक ससुर ने अपनी 28 वर्षीय बहु को हवस का शिकार बनाया था। इमराना का बलात्कार 69 वर्ष के उसके ससुर अली मोहम्मद ने किया था। पुलिस ने धारा 376(बलात्कार) और 506(धमकाने) के तहत मामला दर्ज किया। अदालत ने इस मामले में अली मोहम्मद को 10 वर्ष का कारावास एवं 8000 रूपये का जुर्माना लगाया।

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ओडिसा का अंजना मिश्रा कांड

ओडिसा का अंजना मिश्रा बलात्कार कांड एक हाई प्रोफाइल केस था। अंजना का बलात्कार 9 जनवरी 1999 को हुआ था। उस दिन अंजना अपने एक दोस्त के साथ कार से सफ़र कर रही थी, तभी रास्ते में तीन लोगों ने उन्हें रोका और अंजना के दोस्त के सामने ही अंजना का बलात्कार किया। इस मामले में आरोपी तीन में से दो लोगों को दोषी करार दिया गया और आजीवन कारावास की सज़ा के साथ 5000-5000 रूपये का जुर्माना लगाया गया।

महाराष्ट्र में जलगाँव बलात्कार कांड

इस घटना से देश में बहुत आक्रोश पैदा हुआ था। जलगाँव रेप केस महाराष्ट्र में घटी बड़ी घटनाओं में से एक था। यह केस वर्ष 1994 में सामने आया। पीड़ित महिलाओं की संख्या करीब 500 थी, जिसमें स्कूल जाने वाली नाबालिक लड़कियों की संख्या अधिक थी। कुछ पीड़ितों का कहना था की यौन उत्पीड़न से पहले उन्हें मानसिक यातनाएं दी गयी और ब्लैकमेल किया गया। वर्ष 1993 में कुछ लड़कियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और कई सैकड़ो महिलाओं को पुलिस ने इन मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ा लिया। इस घटना का पूरे महाराष्ट्र पर बहुत असर पड़ा।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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