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लोकप्रियता, नीति और प्रभाव: 11 साल बाद नरेंद्र मोदी मॉडल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2014 से 2025 तक के अपने 11 वर्षों के कार्यकाल में कई अहम नीतिगत निर्णय, विकास परियोजनाएँ और वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली पहलें की हैं।
Narendra Modi Model: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2014 से 2025 तक के अपने 11 वर्षों के कार्यकाल में कई अहम नीतिगत निर्णय, विकास परियोजनाएँ और वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली पहलें की हैं। कुछ प्रमुख बातों पर विचार किया जाना चाहिए। सबसे पहले बात करते हैं आर्थिक सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास की. 2017 में देशभर में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) एकीकृत कर प्रणाली लागू की गई जिससे ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की परिकल्पना साकार हुई, यह अपने आप में एक क्रांतिकारी बदलाव था जिसने व्यापारियों की कार्य प्रणाली को मज़बूत और सशक्त बनाया. इसके बाद औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने और भारत को विनिर्माण हब बनाने के उद्देश्य से मेक इन इंडिया अभियान शुरू किया गया,इस अभियान से पूरा देश जुड़ा और देखते ही देखते इसने हर भारतवासी को अपनी ओर आकर्षित किया. हालांकि की एक वर्ग द्वारा इसको लागू करने की प्रक्रिया को लेकर सवाल भी पूछे गए।
डिजिटल इंडिया के माध्यम से इंटरनेट, डिजिटल भुगतान और सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए व्यापक डिजिटल ढांचा तैयार किया गया. नरेंद्र मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना ने भारत के आम नागरिकों के जीवन में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया और आज ये स्थिति है कि ज्यादातर लोग यहाँ तक कि रेहड़ी पटरी वाले और रिक्शे वाले भी पेटीएम, फ़ोन पे इत्यादि माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए आम तौर से दिखाई देते हैं. अब बात करते हैं देश के आधारभूत ढाँचे को विकसित करने की. यहाँ भी हम लोगों ने देखा कि मोदी सरकार ने रेलवे और सड़कों का जबरदस्त विकास किया है. बुलेट ट्रेन परियोजना, एक्सप्रेसवे (जैसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे), और रेलवे के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया. आज देश में एक्सप्रेसवेज़ की संख्या काफ़ी हो चुकी है।
बात अगर सामाजिक सरोकार की योजनाओं की जाए तो उज्ज्वला योजना के माध्यम से गरीब महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए गए, जिससे स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार हुआ।इस योजना के अंतर्गत करोड़ों मुफ्त गैस कनेक्शन वितरित किए गए और ग़रीबों परिवारों में परिवर्तन देखने को मिला. ये तो बात रही रसोई गैस की, वहीं अगर बात की जाए स्वास्थ्य की तो मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना बनकर उभरी है , जिसके तहत करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली, इसने भारतीयों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने को लेकर बड़ी उपलब्धि हासिल की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न की इसलिए भी सराहना हुई क्योंकि उनकी नीतियाँ देश के ग़रीब, किसान, नौजवान और महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं. राजनीति में आलोचना तो हर किसी की होती है लेकिन पारदर्शी तरीक़े से देखा जाए तो मोदी सरकार ने देश के आम जनता को केंद्र में रखकर कई योजनाएं चलाई जिससे जनता को व्यापक लाभ मिला. वैसी ही एक योजना है पीएम किसान सम्मान निधि जिसमें सरकार द्वारा हर वर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाती है। इस स्कीम ने देश के किसानों को एक नया कॉन्फिडेंस प्रदान किया. हाँ एक बात की चर्चा यहाँ इसलिए जरूरी है की मोदी सरकार ने डीबीटी माध्यम से सीधे किसानों के खातों में पैसे ट्रांसफ़र कर बिचौलियों की दुकान बंद करवा दी. इसके साथ ही इस सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत देशभर में स्वच्छता अभियान चलाकर लाखों शौचालय बनाए गए और खुले में शौच की प्रवृत्ति में भारी कमी आई, इससे लोगों के माइंडसेट पर व्यापक असर पड़ा और लोगों को स्वच्छता की तरफ़ आकर्षित करने में मदद मिली.
ये तो बात रही देश में किए गए तमाम कामों की. अब जरा विदेश नीति की भी चर्चा कर लेते हैं. वैश्विक कूटनीति और सुरक्षा की चर्चा करें तो भारत को जी20, ब्रिक्स, QUAD आदि में प्रभावशाली भूमिका निभाने का अवसर मिला है. नरेंद्र मोदी को वैश्विक नेताओं में सम्मान मिला है, भारत और भारतीयों को दुनिया में अब बेहतर सम्मान मिलता है. वहीं पर बात अगर राष्ट्रीय सुरक्षा की हो तो सबने देखा की भारत अब आँख में आँख डालकर अपने दुश्मनों को जवाब देने में सक्षम है. सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और बालाकोट एयरस्ट्राइक (2019) जैसे निर्णयों से सख्त सुरक्षा नीति का प्रदर्शन किया गया. रक्षा उत्पादन के में आत्मनिर्भरता आई है “आत्मनिर्भर भारत” के अंतर्गत स्वदेशी हथियारों और रक्षा उपकरणों के उत्पादन पर बल दिया गया है और गर्व करने वाली बात है की सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस का उत्पादन अब यूपी की राजधानी लखनऊ में होना प्रारंभ हो चुका है.
मोदी सरकार ने पिछले 11 सालों में कई संवैधानिक और राजनीतिक परिवर्तन किए और उनमे से सबसे बड़ी उपलब्धि रही है जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाना (2019). जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया, ये एक ऐतिहासिक कदम था.
देश में तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाकर मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाने के लिए तीन तलाक को कानूनी अपराध घोषित किया गया. मोदी सरकार के इस फ़ैसले ने मुस्लिम महिलाओं को बहुत बड़ी राहत प्रदान की और इसकी काफ़ी चर्चा हुई. यहाँ इस सरकार के एक और बड़े फ़ैसले का ज़िक्र करना ज़रूरी है जिसने इस देश की राजनीति को काफ़ी प्रभावित किया और वो था नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA). इसके तहत अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने हेतु नया कानून पारित किया गया, हालांकि इस पर राजनीतिक विवाद भी खूब हुआ.
पर्यावरण और ऊर्जा क्षेत्र में भी मोदी सरकार की नीतियों ने बड़ी भूमिका अदा की है. सरकार ने इंटरनेशनल सोलर अलायंस के अंतर्गत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व लेते हुए ISA की स्थापना की और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों LED बल्ब वितरित किए गए, जिससे बिजली की खपत में कमी आई. जब पूरी दुनिया कोविड-19 की महामारी का प्रकोप झेल रही थी तब सरकार ने कोविड-19 प्रबंधन और वैक्सीनेशन अभियान चलाया और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान संपन्न करते हुए कोविड के दौरान भारत ने तेजी से करोड़ों नागरिकों को टीका लगाया और ‘कोविन’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का सफल संचालन किया. इतना ही नहीं भारत ने कई देशों को कोविड वैक्सीन भेजकर वैश्विक मानवता का परिचय दिया.
कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले 11 वर्षों में भारत को आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा देने का प्रयास किया है. हालांकि इन नीतियों को लेकर मतभेद और आलोचनाएँ भी हुई हैं, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि मोदी युग ने भारतीय राजनीति और शासन की शैली में एक उल्लेखनीय परिवर्तन लाया है।
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