जानें क्यों की जाती है अमरनाथ यात्रा, जानें धार्मिक कारण

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अमरनाथ यात्रा 2024 की तैयारी में जुटे श्रद्धालुओं की इंतजार खत्म होने वाला है. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा को लेकर तारीखों का ऐलान कर दिया है
अमरनाथ यात्रा इस बार 29 जून से शुरू होगा, यात्रा इस बार 40 दिन की ही होगी और 19 अगस्त 2024 को यह समाप्त हो जाएगी
यात्रा पर जाने से पहले श्रद्धालुओं का अग्रिम पंजीकरण जरूरी है, जो 15 अप्रैल 2024 से शुरू हो गया है. आप https://jksasb.nic.in पर पंजीकरण करा सकते हैं
अमरनाथ यात्रा का जितना पौराणिक महत्व है, उतना ही ऐतिहासिक महत्व भी है.
पुराण के अनुसार, काशी में शिवलिंग दर्शन और पूजन से दस गुना, प्रयाग से सौ गुना और नैमिषारण्य से हजार गुना पुण्य देने वाले बाबा अमरनाथ के दर्शन हैं
स्वामी विवेकानंद ने 1898 में 8 अगस्त को अमरनाथ गुफा की यात्रा की थी और बाद में उन्होंने कहा था बर्फ रूप में बने शिवलिंग में भगवान शिव स्वयं हैं
अमरनाथ गुुफा श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर दूर है. समुद्र तल से यह क्षेत्र 3,978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है
समुद्र तल से 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ से शिवलिंग बनता है.इसलिए इन्हें बाबा बर्फानी के नाम से जाना जाता है
मान्यता यह है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस पवित्र गुफा में बने शिवलिंग का दर्शन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है