कोरोना काल में जान बचाने के लिए लगभग हर किसी ने वैक्सीन लगवा ली थी. लेकिन एक बार फिर से Covishield और Covaxin ट्रेंड कर रहा है.
लोग अपनी पुरानी पर्ची फिर से देख रहे हैं कि उन्होंने कौन सी वैक्सीन लगवाई थी?
दरअसल, हाल के महीनों में अचानक मौत की कई घटनाएं सामने आईं, लेकिन उसे यह कहकर इग्नोर किया गया कि उसका कोरोना वैक्सीन से कोई ताल्लुक नहीं है
कोविशील्ड वैक्सीन वाली एस्ट्राजेनेका कंपनी ने खुद मान लिया है कि उसके कोविड टीके से खून का थक्का बन सकता है.
आइए जानते हैं वैक्सीन लेने वालों को क्या-क्या साइड इफेक्ट हो रहे हैं
लंदन में कई लोग वैक्सीन लगाने से बीमार हो गए. वहां के एक शख्स जेमी स्कॉट ने लंदन HC में केस कर दिया. एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगवाने के बाद उनका ब्रेन डैमेज हो गया था.
ब्रिटिश कोर्ट में एस्ट्राजेनेका कंपनी ने पहली बार माना है कि उसकी वैक्सीन लगाने से खून के थक्के जमने जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
शरीर में खून के थक्के जमने से ब्रेन स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसे TTS यानी थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम कहते हैं.
एस्ट्राजेनेका ने साइड इफेक्ट की बात कबूली तो दुनियाभर के लोगों की टेंशन बढ़ गई है जिन्होंने यही फॉर्मूले वाली वैक्सीन लगवाई थी
एस्ट्राजेनेका की इसी वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से उतारा था. भारत की कंपनी SII ने एस्ट्राजेनेका से मिले लाइसेंस के तहत इस वैक्सीन का प्रोडक्शन किया था.