बजट में अबतक हुए इन बड़े बदलावों के बारे में जानते हैं आप

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने वाली हैं।
आजादी से लेकर अब तक देश में कई पूर्ण और अंतरिम बजट पेश किए जा चुके हैं। ऐसे में आजादी के बाद से लेकर अब तक बजट में अबतक कई बदलाव हुए हैं।
अबतक के बजट में पांच प्रमुख बदलाव शामिल हैं। आइए जानते हैं अब तक क्या-क्या बदलाव हो चुके हैं।
1955 तक भारत का बजट केवल अंग्रेजी भाषा में छपता था, लेकिन 1956 से इस नियम में बदलाव किया गया और इसके बाद से बजट हिंदी भाषा में भी छपने लगा।
1998 तक बजट को शाम 5 बजे तक पेश किया जाता था, लेकिन 1999 में इस नियम में भी बदलाव हुआ अब बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा।
पहले बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होता था, जिसे मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में बदलकर 2017 के बाद से फरवरी के पहले दिन कर दिया गया।
2016 तक रेलवे और आम बजट अलग-अलग पेश किया जाता था, जिसमें बदलाव करते हुए 2017 से इसे मिला दिया गया। अब रेलवे के लिए अलग से बजट पेश नहीं होता है।
पहले बजट को लाल थैले में पेश किया जाता था जिसे बदलकर पेपरलेस कर दिया गया। अब 2021 से लगातार पेपरलेस बजट पेश किया जा रहा है।