फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी। इस बजट से लोगों को काफी बड़ी उम्मीदें है।
आगामी बजट में अधिक पारदर्शी टैक्स स्ट्रक्चर और टैक्स छूट के विस्तार की भी उम्मीद है। आइए जानते हैं इस बजट में क्या-क्या होने वाला है।
टैक्स स्लैब में बदलाव
टैक्स स्लैब रेट्स में संशोधन की उम्मीद की जा रही है, जिससे मिडिल क्लास व्यक्तियों के लिए टैक्स का बोझ कम हो सके। नई टैक्स व्यवस्था में प्रदान किए गए लाभों को पुराने टैक्स व्यवस्था में भी शामिल किया जा सकता है।
80सी के तहत कटौती सीमा
कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार 80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचारकरेगी। वित्त वर्ष 2014-15 से 1.5 लाख रुपये पर स्थिर बनी हुई ये कटौती इस बार के बजट 2 लाख रुपये तक हो सकती है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी
बजट 2018 में वेतनभोगी वर्ग के लिए प्रति वर्ष 40,000 की मानक कटौती फिर से शुरू की गई थी। 2019 में मानक कटौती की सीमा बढ़ाकर 50,000 कर दी गई। इस बजट में मानक कटौती को बढ़ाकर 1 लाख सालाना कर सकती हैं।
नई टैक्स व्यवस्था में बदलाव
स्वास्थ्य बीमा और NPS योगदान जैसे लाभों का विस्तार करके, स्वास्थ्य सेवा की सुलभता बढ़ाने और टैक्सपेयर्स के लिए निवेश को प्रोत्साहित करने का अवसर दिया जा सकता है।
पुरानी टैक्स व्यवस्था
बजट में इस बार ओल्ड टैक्स व्यवस्था को लेकर बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है। इसमें आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना शामिल हो सकता है। टैक्स स्लैब को सरल बनाने और रेट्स को कम करने की उम्मीद है।
हाउस रेंट अलाउंस
HRA सैलरी का एक पार्ट है, जो कर्मचारियों को उनके आवास व्यय को पूरा करने के लिए दिया जाता है। बजट 2024 में HRA नियमों को संशोधित किया जाएगा, ताकि वेतन के 50% के आधार पर HRA छूट के लिए कुछ अन्य शहरों को भी शामिल किया जा सकता है।
धारा 80TTA के लिए सीमा बढ़ाना
सरकार को धारा 80TTA के तहत सावधि जमा समेत बैंक डिपॉजिट्स से प्राप्त ब्याज को शामिल करने पर विचार करना चाहिए। उम्मीद जताई जा रही है कि इस समावेशन के लिए सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जाना चाहिए।