2025 में चंद्र ग्रहण के साये में होली

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फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च, गुरुवार को सुबह 10:36 बजे से शुरू होकर 14 मार्च, शुक्रवार को दोपहर 12:24 बजे तक रहेगी।
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हर साल होली से एक दिन पहले पूर्णिमा को होलिका जलाई जाती है। उसके दूसरे दिन होली जलाई जाती है।
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होलिका दहन की तिथि और समय- तिथि: 13 मार्च, गुरुवार,होलिका पूजन: शाम के समय,होलिका दहन: रात में
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2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 10:39 बजे से शुरू होकर दोपहर 2:18 बजे तक रहेगा। होलिका दहन एक दिन पहले ही होगा, इसलिए ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ेगा।
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चंद्र ग्रहण और सूतक काल-ग्रहण की अवधि: 10:39 AM से 2:18 PM तक सूतक काल: ग्रहण शुरू होने से 6 घंटे पहले प्रारंभ होता है।
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होली के दिन चंद्र ग्रहण रहेगा, परंतु यह भारत में दिखाई नहीं देगा। सूतक काल मान्य नहीं होगा और आप बिना किसी बाधा के होली मना सकेंगे।
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ग्रहण का धार्मिक महत्व-यह चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा।धार्मिक कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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होली पर क्या करें, क्या न करें?-शुभ मुहूर्त में होलिका दहन करें।ग्रहण के समय मंदिरों के दरवाजे बंद रखें (यदि दिखाई दे तो)।रंगों के साथ आनंदपूर्वक होली मनाएं।
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होलिका दहन से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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होली में ग्रहण के दौरान क्या सावधानियां रखें?गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें। ग्रहण के समय भोजन और पानी से परहेज करें।
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चंद्र ग्रहण का होली पर कोई प्रभाव नहीं है। आप अपनी परंपराओं के अनुसार हर्षोल्लास के साथ होली मना सकते हैं।
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होलिका दहन में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। होलिका दहन को छोटी होली भी कहा जाता है। इसके अगले दिन एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली का त्योहार मनाया जाता है।
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नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है