सीएम योगी कांवड़ रूट पर क्यों करा रहे दुकानों का 'नामकरण'

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यूपी में कांवड़ यात्रा से पहले सीएम योगी के एक आदेश लेने के बाद सियासी बवाल मच गया है।
यूपी में इस साल कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाले खानपान की दुकान, होटल, ढाबे, ठेले आदि जहां से भी शिव भक्त कांवड़िए खाने का सामान खरीद सकते हैं उन सभी दुकानों के मालिक को अपनी पहचान बतानी होगी।
आदेश में कहा गया है कि दुकानों के मालिक ने अगर अपनी पहचान बताई तो इससे कांवड़ियों में किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन नहीं होगा और उनकी आस्था भी बनी रहेगी।
सीएम योगी के इसी फैसले के बाद से पूरी यूपी में सियासी बखेड़ा शुरू हो गया है। सभी विपक्ष पार्टी सीएम के इस फैसले से नाखुश नजर आ रहे हैं।
योगी के इस फैसले के बाद अखिलेश यादव, डिंपल यादव और मायावती भड़क गईं, जिसके बाद विपक्षियों ने मिलकर यूपी की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला।
मायावती ने योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाले सभी दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है।
डिंपल यादव ने भी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी अभी भी नहीं सीख पाई है कि जनता को जो असुविधा हुई है उसका ये लोग निवारण नही कर पा रहे हैं।
जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों का नाम प्रदर्शित करने के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लगता है सीएम योगी में हिटलर की आत्मा समा गई है। उन्होंने इसे स्पष्ट रूप से ‘भेदभावपूर्ण’ आदेश करार दिया। उनका ये आदेश यह दर्शाता है कि सरकार देश में मुसलमानों को ‘दूसरे दर्जे’ का नागरिक बनाना चाहती है।
आपको बता दें कि इस साल सावन 22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगा।