×

Gurmeet Singh Meet Hayer Bio: गुरमीत सिंह मीत हेयर, युवा जोश, जनसेवा की प्रतिबद्धता और हरित भविष्य की सोच का नाम

Gurmeet Singh Meet Hayer Biography: संघर्षों से निकले हेयर आज जनसेवा, पारदर्शिता और पर्यावरणीय चेतना के प्रतीक बन चुके हैं।

Jyotsna Singh
Published on: 21 April 2025 12:26 PM IST
Aam Aadmi Party Leader Gurmeet Singh Meet Hayer Biography
X

Aam Aadmi Party Leader Gurmeet Singh Meet Hayer Biography

Gurmeet Singh Meet Hayer Biography: जब राजनीति में युवाओं की भागीदारी की बात होती है, तो गुरमीत सिंह मीत हेयर का नाम स्वाभाविक रूप से सामने आता है। संगरूर से लोकसभा सांसद, आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता और पार्टी के लोकसभा फ्लोर लीडर के रूप में वे न केवल पंजाब बल्कि देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरे हैं। संघर्षों से निकले हेयर आज जनसेवा, पारदर्शिता और पर्यावरणीय चेतना के प्रतीक बन चुके हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

21 अप्रैल, 1989 को पंजाब के बरनाला में जन्मे गुरमीत सिंह मीत हेयर का पालन-पोषण एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता चमकौर सिंह हेयर और माता सरबजीत कौर ने उन्हें नैतिक मूल्यों और सामाजिक सरोकारों की भावना के साथ बड़ा किया।


शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने बी.टेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) की डिग्री स्वामी विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पंजाब से प्राप्त की।

नवम्बर 2023 में उन्होंने गुरवीन कौर के साथ विवाह किया और एक स्थिर पारिवारिक जीवन के साथ वे सामाजिक जीवन में पूरी ऊर्जा से सक्रिय हैं।

राजनैतिक सफर की शुरुआत

गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आम आदमी पार्टी (आप) के शुरुआती कार्यकर्ताओं में से एक के रूप में की थी। वे छात्र जीवन से ही सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे और युवाओं में राजनीतिक जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करते रहे। साल 2014-15 के दौरान जब आम आदमी पार्टी पंजाब में अपने आधार का विस्तार कर रही थी, तब मीत हेयर ने पार्टी की युवा शाखा को मज़बूत करने की जिम्मेदारी संभाली। उनकी प्रेरणास्रोत राजनीति स्वच्छ प्रशासन, पारदर्शिता और जनकल्याण की नीतियों पर आधारित रही है।


इसी सोच के तहत वे सक्रिय रूप से लोगों के बीच पहुंचे और धीरे-धीरे आम आदमी पार्टी में एक ज़मीनी नेता के रूप में पहचाने जाने लगे। बरनाला क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता ने उन्हें 2017 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने का अवसर दिया, जहां उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर पहली बार विधायक बने। यही जीत उनके राजनीतिक जीवन की दिशा और दृष्टि को परिभाषित करने वाली साबित हुई।

राजनीतिक यात्रा: विधानसभा से संसद तक

पहला कार्यकाल (2017–2022)

2017 में पहली बार बरनाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हेयर ने कांग्रेस के दिग्गज केवल सिंह ढिल्लों को हराया। उनके पहले कार्यकाल में वे लोक लेखा समिति के अध्यक्ष रहे और सार्वजनिक उपक्रम समिति, हाउस कमेटी, याचिका समिति और सरकारी आश्वासन समिति जैसे महत्वपूर्ण समितियों में सदस्य भी रहे।

दूसरा कार्यकाल (2022)

2022 में उन्होंने बरनाला सीट से लगभग 50% वोट पाकर दोबारा जीत हासिल की। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में ऐतिहासिक बहुमत हासिल किया और भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री बने। 19 मार्च, 2022 को मीत हेयर ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

मंत्रालयी जिम्मेदारियां

अपने कार्यकाल में उन्होंने निम्नलिखित विभागों को संभाला:

  1. स्कूल शिक्षा (मार्च–जुलाई 2022)
  2. खेल और युवा सेवाएं
  3. उच्च शिक्षा और भाषा
  4. शासन सुधार
  5. विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण
  6. मुद्रण और स्टेशनरी
  7. जल संसाधन
  8. खान एवं भूविज्ञान

उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, नवाचार और तकनीकी समावेशन प्रमुख रहे हैं।

संसदीय राजनीति में प्रवेश

2024 के आम चुनावों में उन्होंने संगरूर लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखपाल सिंह खैरा को 1,72,560 वोटों से हराकर सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया। लोकसभा में आम आदमी पार्टी के फ्लोर लीडर के रूप में वे मुखर, तार्किक और जनपक्षधर मुद्दों पर आवाज़ उठाते हैं।


वर्तमान में वे आईटी पर संसदीय स्थायी समिति (2024-25) के सदस्य हैं और डिजिटल भारत के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

व्यक्तित्व और सामाजिक सरोकार

मीत हेयर सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि पर्यावरण प्रेमी, पशु कल्याण के पैरोकार और युवाओं के मार्गदर्शक हैं।

वन्यजीव संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और खेलों के प्रति उनका समर्पण उनकी नीतियों और जन संवाद में स्पष्ट झलकता है।

आलोचनाएं और चुनौतियां

गुरमीत सिंह मीत हेयर की राजनीतिक यात्रा जितनी प्रभावशाली रही है, उतनी ही आलोचनाओं और चुनौतियों से भी भरी रही है। राजनीति में सक्रिय युवा चेहरों को अक्सर अपने अनुभव की कमी, पार्टी की नीतियों से जुड़ी असहमति और प्रशासनिक फैसलों पर उठते सवालों का सामना करना पड़ता है और हेयर भी इससे अछूते नहीं रहे।

प्रशासनिक अनुभव को लेकर आलोचना

मीत हेयर को जब पहली बार मंत्रिमंडल में स्थान मिला, तब कुछ विपक्षी नेताओं और सामाजिक आलोचकों ने उनकी प्रशासनिक अनुभव की कमी को उजागर किया। उनका तर्क था कि इतने महत्वपूर्ण विभागों को संभालने के लिए अधिक अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता थी।

स्कूल शिक्षा विभाग में स्थानांतरण

मार्च 2022 में उन्हें स्कूल शिक्षा मंत्री बनाया गया था। लेकिन कुछ महीनों बाद ही विभाग में फेरबदल कर उनसे यह प्रभार हटा लिया गया। विपक्ष ने इसे उनके प्रदर्शन पर सवाल के रूप में प्रस्तुत किया, हालांकि सरकार ने इसे सामान्य पुनर्गठन बताया।


खेल नीति में विरोध

बतौर खेल मंत्री उन्होंने पंजाब में खेल और युवा सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। परंतु कुछ खेल संघों और स्थानीय खिलाड़ियों ने संसाधनों की असमान वितरण, चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना की अनदेखी की शिकायतें कीं।

राजनीतिक विरोधियों का निशाना

संगरूर लोकसभा उपचुनाव में हेयर को उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले पर भी पार्टी के अंदर और बाहर आलोचना हुई। कुछ का मानना था कि उन्हें जल्दीबाजी में लोकसभा में भेजा गया, जिससे विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा हो सकती है। हालांकि, चुनाव में भारी बहुमत से जीतकर उन्होंने अपने आलोचकों को जवाब दिया। सोशल

मीडिया पर आलोचना:-एक जननेता के तौर पर उनकी सोशल मीडिया उपस्थिति भी काफी सक्रिय रही है, परंतु यह कई बार उनके लिए विवादों का कारण भी बनी। कुछ पुराने ट्वीट्स और बयानों को राजनीतिक विरोधियों ने बाहर निकालकर विवाद खड़ा किया।

जलवायु और पर्यावरण नीतियों में संतुलन:- मीत हेयर पर्यावरण संरक्षण के बड़े पक्षधर हैं। लेकिन पंजाब जैसे कृषि-प्रधान राज्य में विकास और हरित नीति के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण रहा है। किसानों की पराली जलाने की समस्या, उद्योगों द्वारा प्रदूषणऔर जल संकट जैसे मुद्दों पर ठोस समाधान पेश न कर पाने को लेकर कुछ संगठनों ने उनकी नीति की आलोचना की है।

इन आलोचनाओं और चुनौतियों के बावजूद, मीत हेयर ने अपनी सक्रियता और संवाद शैली से जनता के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है। वह आलोचनाओं को व्यक्तिगत नहीं मानते, बल्कि उन्हें सुधार का अवसर मानते हैं। यह स्पष्ट है कि एक युवा नेता होने के नाते, गुरमीत सिंह मीत हेयर को जहां नई उम्मीदों और समर्थन का सामना करना पड़ता है, वहीं उन्हें कठोर आलोचनाओं और लगातार प्रदर्शन की कसौटी पर भी खरा उतरना होता है।

एक नई राजनीति का प्रतीक

गुरमीत सिंह मीत हेयर उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो पारंपरिक राजनीति से अलग हटकर जनसरोकार, तकनीक और पारदर्शिता को प्राथमिकता देती है। वे न केवल युवाओं के लिए एक आदर्श हैं बल्कि पंजाब और भारत के भविष्य की राजनीति का एक सशक्त चेहरा भी हैं। उनकी यात्रा एक प्रेरणा है कि जब जुनून, शिक्षा और ईमानदारी मिलती है, तो राजनीति में बदलाव संभव है।

Admin 2

Admin 2

Next Story