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#TripleTalaq : आजम बोले- सभी की आस्था को ध्यान में रखते हुए बने कानून
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधनिक बेंच ने मंगलवार (22 अगस्त) को तीन तलाक के मसले पर अपना फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक बताया।
रामपुर: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधनिक बेंच ने मंगलवार (22 अगस्त) को तीन तलाक के मसले पर अपना फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक बताया। कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक रोकने के लिए केंद्र सरकार संसद में कानून बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर फिलहाल 6 महीने की रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से विधायक मोहम्मद आजम खान ने कहा कि सभी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। इसके अलावा ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमें फैसले का सम्मान करना है। जमीनी स्तर पर इसे लागू करना एक बड़ा मुश्किल काम होगा।
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सुप्रीम कोर्ट के बाद भी जनता की अदालत
-आजम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बाद भी जनता की अदालत है।
-लोकतांत्रिक देश में जनता की अदालत है।
-भारत में लोकतंत्र है तो आस्था से खिलवाड़ नहीं होगा।
-वरना कब किसकी आस्था पर घात हो जाए, पता नहीं।
-उम्मीद है कि संसद राय और मशवरे से कानून बनाएगी।
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और क्या बोले आजम खान ?
-पार्लियामेंट जो भी कानून बनाएगी उसमें इस्लामिक स्कॉलर्स की राय ली जाएगी।
-इस्लामिक स्कॉलर्स राजनीति से प्रेरित नहीं होते।
-उम्मीद है कि पार्लियामेंट मुसलमानों के धर्म, आस्था और उलेमाओं की राय का ख्याल रखते हुए कानून बनाएगी।
-किसी पार्टी का बहुमत होने से किसी का मजहब नहीं बदल जाता।
-कोई राजनीतिक दल हिंदू या इस्लाम धर्म में तब्दीली नहीं कर सकता।