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मायावती ने कहा- मोदी यूपी-उत्तराखंड क्या जीते, देखने लगे 2019 में फिर केंद्र की सत्ता के सपने

Rishi
Published on: 15 March 2017 6:36 AM GMT
मायावती ने कहा- मोदी यूपी-उत्तराखंड क्या जीते, देखने लगे 2019 में फिर केंद्र की सत्ता के सपने
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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को कांशीराम की 83वीं जंयती पर स्मारक स्थल पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर उन्होंने चुनावी नतीजे आने के बाद पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियों की खास बैठक बुलाई। इसमें मायावती ने कहा यूपी और उत्तराखंड में जीत की वजह से पीएम मोदी फिर 2019 में केंद्र की सत्ता में आने के सपना देख रहे हैं। यह उनकी जीत नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की हत्या की जीत है।

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उनके चेहरे पर बनावटी मुस्कराहट है। यह जीत ईमानदारी से हासिल नहीं की है। यही वजह है कि 325 सीट हासिल करने के बाद भी उनके चेहरे पर वो रौनक नहीं दिख रही है। दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के प्रति आज भी लोग जातिवादी मानसिकता रखते हैं। कांशीराम डॉ. अंबेडकर की बात कहा करते थे कि राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाबी लिए बिना उत्थान नहीं होगा।

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और क्या बोलीं मायावती ?

-मायावती ने कहा कि कांशीराम जी ने जातिवादी व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी। दलित शोषित वर्ग के लिए हमेशा काम किया।

-इन सभी वर्गों को संगठित करने के साथ कानूनी अधिकार के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।

-कांशीराम जी ने मास्टर चाबी को हाथ में लेना जरूरी बताया था। जातिवादी लोगों ने दलितों और पिछड़ों को गुलाम बना दिया।

-11 अप्रैल से बीजेपी के खिलाफ शुरू होगा। बीएसपी 11 अप्रैल को लोकतंत्र की हत्या के रूप में काला दिवस मनाएगी।

-विकसित देश ईवीएम को रिजेक्ट कर चुके हैं। बीजेपी अगर ईमानदार है तो दोबारा बैलेट पेपर से चुनाव कराए।

-चुनाव आयोग से अगर उचित जवाब न मिला तो बीएसपी कोर्ट जाएगी। देशभर में पार्टी इस मामले को लेकर आंदोलन करेगी।

बीएसपी ने बंटवाए पर्चे

ईवीएम पर सवाल उठाने वाली बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग कर हार पर मंथन किया। इस दौरान उन्होंने पर्चे भी बांटे। पर्चे पर लिखा है, ''हर चुनाव में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम मशीन भारत सरकार की 2 संस्थाओं B.E.L और E.C.I.L द्वारा बनाई और सप्लाई की जाती है। यह व्यवस्था है कि हर पोलिंग स्टेशन पर मशीन भेजे जाने से पूर्व हर मशीन की जांच की जाती है और हर मशीन को पोलिंग स्टेशन के हिसाब से सेट किया जाता है। यह कार्य हालांकि जिला निर्वाचन अधिकरी की देखरेख में होता है, पर यह कार्य मशीन बनाने वाले इंजीनियरों द्वारा किया जाता है। उन इंजीनियरों के पास यह अवसर होता है कि वे किसी भी मशीन को किसी भी तरह से सेट कर सकते हैं, क्योंकि इन मशीनों का कोई और जानकार मौके पर मौजूद नहीं होता है। चूंकि यह कंपनियां भारत सरकार के अधीन होती हैं। ऐसे में भारत सरकार को नियंत्रित करने वाली राजनीतिक पार्टी के पास मशीनों से छेड़छाड़ करने का अवसर होता है। वर्तमान चुनाव में भी ऐसा होना प्रतीत होता है।'' बता दें कि बसपा सुप्रीमो ने यूपी इलेक्शन के नतीजे आने पर ईवीएम पर सवाल उठाए थे। बीएसपी को 19 सीटें मिली थीं।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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