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रेल कर्मियों ने रेल मंत्री को भी नहीं बख्शा, उनके सामने लगाए मुर्दाबाद के नारे
लखनऊ : केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को शुक्रवार को असहज स्थितियों का सामना करना पड़ा। रेलवे स्टेडियम में शामिल होने आए रेल मंत्री का भाषण समाप्त होने के बाद रेल कर्मचारियों ने रेल मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाए। यह गोयल के उस बयान के बाद हुआ। जिसमें उन्होंने कहा कि यूनियन लोगों को बहका रही है। वह युवाओं को गलत राह पर ले जा रही है। आलम यह रहा कि धक्कामुक्की से बचते हुए रेल मंत्री को पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला।
बस फिर क्या था। यूनियन के पदाधिकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी और अफरातफरी के बीच कार्यक्रम से रेल मंत्री को जाना पड़ा। कर्मचारी रेल मंत्री की फ्लीट के आगे कूद पड़े। भारी पुलिस बल के बाद भी रेल मंत्री की सुरक्षा में चूक हुई। आरपीएफ और यूपी पुलिस ने बड़ी मुश्किल ने मंत्री की फ्लीट कार्यक्रम स्थल से बाहर निकाली।
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पीयूष गोयल ने दिया था यह बयान
उन्होंने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि हर एक की अपनी मजबूरियां ओर अपनी सोच होती है। इस पर कर्मचारियों ने ताली मारी तो उन्होंने कहा कि ताली मारने की जरूरत नहीं है। ध्यान से सुनिए। उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट का फैसला है कि बहाली होगी तो सबकी समान रूप से होगी। इसके पद पीयूष गोयल ने कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पदाधिकारियों को समझा चुका है जो हमारे अप्रेंटिस करने वालों को गलत रास्ते पर लेकर जाते हैं। जो कहते हैं कि इससे आपकी नौकरी बन गई। जबकि वर्षों जिसने काम किया। उसे नौकरी से बाहर करना पड़ा। क्योंकि आप किसी को अलग से नौकरी नहीं दे सकते। लेकिन फिर भी उन्होंने रेलवे में कुछ काम किया है। सीखा है। हमने जब रेलवे में 1.30 लाख नई नौकरियां निकाली। तो उनके लिए कुछ परसेंटेज उनके लिए रखा ताकि उन्हें नौकरी मिलने के चांस रहे। यह जरूरी नहीं कि जिसने अप्रेंटिस किया। वह काम अच्छी तरह से जानता है। अगर सबको नौकरी पर रख लेते तो सबको घर जाना पड़ता। उनके लिए अलग से कोटा रखा। प्रैक्टिकल तरीके से आगे बढना होगा।
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