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जानिए क्यों राहुल गांधी ने अपने नेताओं को दिया 'जागते रहो' का नारा

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस का नारा था, 'वक्त है बदलाव का' और 'परिवर्तन'। अब मतदान होने के बाद ईवीएम से छेड़छाड़ व मतगणना में धांधली की आशंका से डरी कांग्रेस ने अपने नेताओं को सतर्क किया है।

Aditya Mishra
Published on: 2 Dec 2018 4:04 AM GMT
जानिए क्यों राहुल गांधी ने अपने नेताओं को दिया जागते रहो का नारा
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रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस का नारा था, 'वक्त है बदलाव का' और 'परिवर्तन'। अब मतदान होने के बाद ईवीएम से छेड़छाड़ व मतगणना में धांधली की आशंका से डरी कांग्रेस ने अपने नेताओं को सतर्क किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'जागते रहो' का नया नारा दिया है।

स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए तैयार किया गया खास प्लान

इसी नारे के तहत पार्टी ने स्ट्रांग रूम की दिन-रात निगरानी की व्यवस्था कर ली है। वहीं, मतगणना के दौरान की भी रणनीति बना ली गई है। पार्टी के सभी प्रत्याशी की कोशिश रहेगी कि मतगणना टेबल पर एक नहीं, बल्कि दो या तीन एजेंट बिठाए जाएं। ऐसे महत्वपूर्ण 19 बिंदुओं वाला पत्र पार्टी ने अपने सभी प्रत्याशियों को दिया है, जिससे मतगणना के दौरान अतिरिक्त मुस्तैदी बरती जा सकेगी।-

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मतगणना में वकील को भी साथ रखने की सलाह

प्रत्याशियों को दिए गए पत्र में कहा गया है कि मतगणना टेबलों पर नजर रखने के लिए गणना अभिकर्ता (एजेंट) की नियुक्ति की जा सकती है। एजेंट की संख्या बढ़ाने के लिए अपने चुनाव क्षेत्र के किसी निर्दलीय उम्मीदवार से आपसी संबंध के आधार पर उसके कोटे पर कांग्रेस के कार्यकर्ता को एजेंट बनवाया जाए, ताकि टेबल पर एक से ज्यादा लोगों की नजर रहे।

हर विधानसभा में किसी अधिवक्ता को अधिकृत रूप से गणना अभिकर्ता बनाने के लिए कहा गया है, ताकि गणना केंद्र में किसी की कानूनी सलाह की जरूरत पड़े तो आसानी हो। इसके अलावा प्रत्याशियों से कहा गया है कि जब तक पहले मतगणना राउंड की घोषणा नहीं हो जाती है, तब तक दूसरे राउंड के लिए मशीन नहीं खोलने दें।

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इंजीनियरों पर निगाह रखने का निर्देश

कांग्रेस की इंजीनियरों पर भी नजर रहेगी। अभी प्रत्याशियों से कहा गया है कि स्ट्रांग रूम में ईवीएम की देखरेख व मेंटिनेंस के लिए नियुक्त इंजीनियरों की फोटोयुक्त सूची प्राप्त कर लें, ताकि अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश स्ट्रांग रूम में न हो पाए।

मतगणना के दौरान भी नियुक्त इंजीनियरों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। यह ध्यान दिया जाएगा कि इंजीनियर बार-बार निर्वाचन अधिकारी के पास तो नहीं जा रहा और उसके हाथ में कोई मशीन या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तो नहीं है।

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