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योगी मोदी की जोड़ी हिट, मेट्रो मजेंटा लाइन के बहाने 2019 के अभियान की शुरुआत

Rishi
Published on: 25 Dec 2017 11:52 AM GMT
योगी मोदी की जोड़ी हिट, मेट्रो मजेंटा लाइन के बहाने 2019 के अभियान की शुरुआत
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अनुराग शुक्ला

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया है उनके जाने की कहानियां भी सत्ता के गलियारियों में तैर रही हैं। कुछ अपने आप से कुछ विरोधियों की कृपा से तो कुछ राजनैतिक पंडितों के ज्ञान की बलिहारी। नोएडा में जिस तरह से निर्भीक होकर योगी आदित्यनाथ गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मेट्रो में सफर किया साथ ही रैली में यह साफ संकेत है कि अब इस तरह की अटकलों पर विराम लग जाना चाहिए।

2019 में मोदी योगी की हिट जोड़ी

अगर सियासत में संकेतों के मायने होते हैं तो इस समय भाजपा के सबसे बड़े नेता नरेंद्र मोदी ने जो संकेत दिए उनके मतलब साफ है। जिस तरह से नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ के साथ मेट्रो में सफर किया जिस तरह से नरेंद्र मोदी ने मंच पर अपने साथ योगी को रखा और जिस तरह उन्होंने तारीफ की उससे साफ है कि अब यूपी में सीएम के चेहरे में बदलाव की उम्मीद रखने वालों को निराशा हाथ लगी है। नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ को यूपी के हर तरह के विकास का कारक और प्रेरक माना। कहा योगी यूपी को आगे ले जा रहे हैं। नोयडा जाने की योगी के दांव का फायदा होगा ये तो सबको पता था पर इतना तो किसी ने नहीं सोचा था कि इस बहाने उन्हें पीएम की तारीफ मिल जाएगी। मोदी ने योगी के बहाने यह तक कह दिया कि किसी जगह जाने से ड़रने वाले लोग सीएम बनने का ख्वाब छोड़ दें। उनका इशारा अखिलेश और मायावती पर था। अब साफ है कि देश में मोदी और प्रदेश में योगी की बात सिर्फ नारा नहीं रह जाएगी और 2019 में योगी के नेतृत्व में ही भाजपा यूपी का रण लड़ेगी।

एक दिन में नहीं मिला है योगी को यह मुकाम

योगी आदित्यनाथ की जब ताजपोशी हुई तो यह एक बेहद स्वाभाविक फैसला नहीं माना जा रहा था। सियासी गलियारों में इसे कई तरह से मजबूरी का सौदा बताया गया। लेकिन इसके बाद योगी आदित्यनाथ की स्टाइल ने मोदी का मन मोह लिया। स्लाटर हाउस पर कार्यवाही उनका मास्टर स्ट्रोक था। इसके बाद ईद पर योगी का लखनऊ की मस्जिदों में नहीं जाने का फैसला कुछ वैसा ही था जैसा मोदी का टोपी न पहनने का। योगी आदित्यनाथ को भले ही ब्यूरोक्रेसी से निपटने की दक्षता किसी और मुख्यमंत्री जितनी नहीं मानी जाती हो पर उनकी छवि और उनकी स्टाइल की मोदी को यूपी में जरुरत है। इस पैमाने पर योगी सफल है ये आज की रैली में योगी को लेकर दिए गये पीएम के भाषण से साफ है।

बदलाव की उम्मीद वालों को झटका

योगी की ताजपोशी के दिन से ही बहुत से लोग इस तरह की बात कह रहे हैं कि योगी के नेतृत्व में 2019 का लड़ा जाना मुश्किल है। यूपी में सीएम का चेहरा बदल सकता है। पर साफ है कि योगी आदित्यनाथ ने अपनी कार्यशैली से अपने नेतृत्व को आश्वस्त कर दिया है कि बंदे में है दम। इसके अलावा 2018 में योगी को बदलने का जोखिम अब पार्टी नहीं लेगी। 2018 के अक्टूबर तक ही चुनाव और अभियान की तैयारी तेज हो जाएगी ऐसे में योगी समर्थकों के गुस्से पर काबू पाने के लिए भी समय कम है। वैसे भी योगी इस समय मोदी के मापदंडो पर खरे उतर रहे हैं। ऐसे में बदलाव की उम्मीद वाले सियासी पंडितो को झटका लगा है।

मेट्रो लाइन के बहाने योगी मोदी की जोड़ी का चुनाव अभियान

पीएम नरेंद्र मोदी का कोई भी काम अनायास नहीं होता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने विकास की चर्चा की। बताया कि सड़के किस तरह ठीक की गयी। रेलवे पटरियों को बिछाने की रफ्तार दो गुनी से ज्यादा हुई है। इसके अलावा यह भी बताया कि जो वादे किये उन्हें कमोबेश निभा दिया है। हर गांव को सड़क से ज़ोडने का वादा किया। अपने वादे याद दिलाकर बताया कि जो वादा किया वह निभा दिया। यानी साफ है कि नरेंद्र मोदी ने 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी से एक तरह से चुनाव का बिगुल भी फूंक दिया है। ऐसे में साफ है कि योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी उनके सियासी मुस्तकबिल का इशारा कर रही थी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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