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मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर मुकदमा, लोकतंत्र की हत्या : मायावती

पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले जनाक्रोश को दबाने के लिए सरकारें कानून का अनुचित उपयोग कर रही हैं।

tiwarishalini
Published on: 6 Oct 2017 9:02 AM GMT
मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर मुकदमा, लोकतंत्र की हत्या : मायावती
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लखनऊ : पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले जनाक्रोश को दबाने के लिए सरकारें कानून का अनुचित उपयोग कर रही हैं। सरकार ऐसे लोगों पर मुकदमा कायम करके निरंकुशता को अपना नया हथियार बना रही है। यह लोकतंत्र की हत्या के समान है। इसकी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) कड़े शब्दों में निंदा करती है।

बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्यों खासकर यूपी, मध्य प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, गुजरात और राजस्थान में पीएम और सीएम पर टिप्पणी करने पर मुकदमें दर्ज करने की नई परंपरा शुरू हो गई है। यह लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है और बीजेपी सरकार की तानाशाही प्रवृति को साबित करता है। दक्षिणी भारत के मशहूर अभिनेता प्रकाश राज पर मुकदमा और शामली में दलित युवक की इसी संबंध में गिरफ्तारी यह साबित करती है कि बीजेपी सरकार निरंकुश होती चली जा रही हैं।

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केंद्र सरकार ने दूरदर्शन और आकाशवाणी को ’हिज मोदी वाॅयस’ बनाकर उसका महत्व लगभग समाप्त कर दिया है। प्राइवेट मीडिया चैनलों पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण कर उसकी स्वतंत्रता खत्म करने का प्रयास लगातार जारी है। निष्पक्ष और स्वतंत्र लेखकों, साहित्यकारों और पत्रकारों को अलग-अलग ढंग से निशाना बनाया जा रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। यह ऐसी घातक प्रवृत्ति है जिससे लोकतंत्र को खतरा पैदा होता चला जा रहा है। इस संबंध में न्याय पालिका का हस्तक्षेप जरूरी समझा जाने लगा है।

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बीजेपी वालों के साथ खून माफ

उन्होंने गुजरात में गरबा का कार्यक्रम देखने पर दलित युवक की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि दलित युवकों द्वारा स्वाभाविक तौर पर मूंछ रखे जाने पर उन्हें जुल्म-ज्यादती का शिकार बनाया जाता है। सरकार के मुखिया की गलत नीतियों के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त करने पर सरकारी निरंकुशता के तहत उसे जेल भेज दिया जाता है। जबकि खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाने वालों और अन्य संगीन अपराध करने वाले भाजपाई तत्वों का सात खून माफ कर दिया जाता है।

कानून-व्यवस्था पर राज्यपाल की नाराजगी

बीजेपी सरकार में कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब होती जा रही है कि अब राज्यपाल को भी अपनी नाराजगी खुले तौर पर जाहिर करने को मजबूर होना पड़ा है।

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