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नोटबंदी पर मोदी सरकार और RBI के अलग-अलग सुरों से आई आम आदमी पर आफत

tiwarishalini
Published on: 21 Dec 2016 6:41 AM GMT
नोटबंदी पर मोदी सरकार और RBI के अलग-अलग सुरों से आई आम आदमी पर आफत
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उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक की ओर से सोमवार को पुराने नोटों में 5000 से अधिक जमा कराने वालों पर अंकुश लगाने के बाद सरकार व रिजर्व बैंक के बीच कई तरह के अंतर्विरोध सामने आ चुके हैं। पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आरबीआई को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीएम मोदी ने जब 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी तो उन्होंने देशवासियों के सामने बड़े पुराने नोटों को बंद करने की एक प्रकिया का खुलासा किया था। प्रधानमंत्री ने देश के नाम जो संबोधन दिया था उसके बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 11 नवंबर को प्रेस सम्मेलन करके विस्तार से रोडमैप बताया था कि 30 दिसंबर तक लोगों को पुराने नोट जो उनके पास रखे हैं उन्हें बैंकों में जमा करने का वक्त मिलेगा।

क्या कहते है पूर्व वित्त मंत्री पी चितंबरम ?

-नोटबंदी के बाद जब पूरे देश में अफरा-तफरी मची तब चिदंबरम ने याद दिलाया कि जेटली ने देशवासियों को भरोसा दिलाया था,कि उन्हें हड़बड़ी करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सभी बैंक 31 दिसंबर तक किसी भी मात्रा में बैंको में नोट जमा करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

-सोमवार को RBI के नए आदेश पर वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि एक व्यक्ति 5000 से अधिक की सीमा तक नोट जमा कर सकता है, लेकिन ऐसा करने के लिए एक खातेदार को एक ही मौका मिलेगा।

-चिदंबरम ने कहा है कि RBI जिस तरह से काम कर रही है तथा रोज नियम बदल रही है उससे देखकर लगता है कि एक हड़बड़ी में काम कर रही सरकार उसी अफरातफरी में रोज-रोज नियम बदल रही है।

राहुल गाँधी ने भी साधा RBI पर निशाना

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी सोमवार को आरबीआई को आड़े हाथों लेते हुए कह चुके हैं कि वह उसी तरह नियम बदल रही है जिस तरह पीएम मोदी अपने कपड़े बदलते हैं।

अन्य पार्टियों ने भी नोटबंदी को बताया FLOP

प्रमुख वाम पार्टी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी कहा है कि मोदी सरकार की नोटबंदी का शगूफा इसलिए फेल हो चुका है कि देश में जो भी नोट बाजार में थे, वे सबके सब बैंकों में जमा हो रहे हैं, ऐसी सूरत में हताशा मिटाने के लिए सरकार रोज- रोज नियम बदलकर पूरी कसरत को ऐसा जामा पहनाने की कोशिश कर रही है जिससे किसानों और आम लोगों,खासकर गरीबों को बहुत तकलीफ हो रही है।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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