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PM नरेंद्र मोदी के किसानों की कर्ज माफी के वादे को नौकरशाह लगा रहे पलीता

यूपी विधानसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी की सभाएं। हर सभा में किसानों से कर्ज माफी का वादा। हर सभा में वो कहते रहे कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनाईए।

tiwarishalini
Published on: 29 March 2017 11:59 AM GMT
PM नरेंद्र मोदी के किसानों की कर्ज माफी के वादे को नौकरशाह लगा रहे पलीता
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PM नरेंद्र मोदी के किसानों की कर्ज माफी के वादे को नौकरशाह लगा रहे पलीता

लखनउ: यूपी विधानसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी की सभाएं। हर सभा में किसानों से कर्ज माफी का वादा। हर सभा में वो कहते रहे कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनाईए। किसानों की कर्ज माफी का फैसला कैबिनेट की पहली बैठक में होगा। ये मेरा वादा है राज्य के किसानों से। किसानों ने मोदी के वादे पर भरोसा किया और अन्न उपजाने वाले किसानों ने उनकी झोली वोटों से भर दी। वोट भी इतने ज्यादा जिसकी कल्पना पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह या बीजेपी के किसी नेता ने नहीं की होगी।

बीजेपी की सरकार बनेगी यह तो 11 मार्च को ही तय हो गया था। योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च को सीएम पद की शपथ ली, लेकिन दस दिन हो गए अभी तक कैबिनेट की बैठक ही नहीं हुई।

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आम परिपाटी ये कि सीएम के शपथ लेने वाले दिन ही कैबिनेट की बैठक हुआ करती है, लेकिन अभी तक अधिकारी कर्ज माफी पर कोई निर्णय नहीं ले सके हैं। होना तो ये चा​हिए था कि अधिकारी बीजेपी के सत्ता में आने के साथ ही इस काम में लग जाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जनता को तो पीएम मोदी का वादा याद रहा, लेकिन अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।

पिछले साल फरवरी-मार्च में हुई बरसात में किसानों की पूरी फसल ही बर्बाद नहीं हुई थी बल्कि खेत में उसके सपने भी बह गए थे। कर्ज नहीं चुका पाने के कारण सैंकडों किसानों को आत्महत्या करनी पड़ी थी। बैंक और साहूकारों के कर्ज में किसान दब गए थे। केंद्र सरकार ने मुआवजे के तौर किसानों के लिए राशि भेजी। वो किस तरह बांटी गई या बांटी भी नहीं गई ये अलग विषय है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा भी सरकार किसानों की कर्जमाफी को लेकर पूरी तरह गंभीर है क्योंकि ये वादा पीएम ने किया है।

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राज्य का वित्त विभाग अभी तक ये तय नहीं कर पाया कि कर्ज माफी की कटऑफ डेट क्या होगी। मोदी ने छोटे और सीमांत किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था। इसके लिए कितनी राशि की जरूरत होगी या केंद्र से कितनी मदद मिलेगी इस पर ही अधिकारी माथापच्ची कर रहे हैं। केंद्र से कितनी मदद लेनी है इसका खाका भी अभी तक पूरा तैयार नहीं किया जा सका है। राज्य में कितने सीमांत और छोटे किसानों पर बैंक का कितना कर्ज है, ये भी वित्त विभाग के अधिकारियों को नहीं पता है।

वित्त विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि ये बहुत मुश्किल काम है। इसमें समय लगेगा, लेकिन कितना समय लगेगा ये बताने को कोई तैयार नहीं है। संभवत: यूपी के अधिकारियों को केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के राज्यसभा में दिए इस बयान से बल मिला कि सरकार कर्ज माफी की हालत में नहीं है। संभवत: लेट लतीफी का दौर उसी समय शुरू हो गया होगा।

यूपी अभी डेढ़ लाख करोड़ के कर्ज में डूबा हुआ है। मिलने वाले राजस्व का बडा हिस्सा कर्ज के ब्याज में ही खप जाया करता है। मूल धन की अदायगी तो अलग बात है।

बड़ा सवाल ये कि क्या पीएम मोदी के वादे के अनुसार यूपी सरकार पहली कैबिनेट बैठक में कर्ज माफी का फैसला कर पाएगी या नहीं।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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