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वाजपेयी जी के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो आज भी हैं ‘अटल’

Shivakant Shukla
Published on: 16 Aug 2018 8:17 AM GMT
वाजपेयी जी के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो आज भी हैं ‘अटल’
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लखनऊ: धूल और धुएँ की बस्ती में पले एक साधारण अध्यापक के पुत्र अटल बिहारी वाजपेयी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बने। उनका जन्म 25 दिसंबर 1925 को हुआ। अपनी प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता के कारण वे चार दशकों से भी अधिक समय तक सांसद रहे।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की संकल्पशक्ति, श्रीकृष्ण की राजनीतिक कुशलता और आचार्य चाणक्य की निश्चयात्मक बुद्धि के धनी अटल ने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण राष्ट्रसेवा के यज्ञ में अर्पित कर दिया। उनका तो उद्घोष ही था- हम जिएँगे तो देश के लिए, मरेंगे तो देश के लिए। इस पावन धरती का कंकर-कंकर शंकर है, बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है। भारत के लिए हँसते-हँसते प्राण न्योछावर करने में गौरव और गर्व का अनुभव करूँगा।’

अटल जी की प्रमुख रचनाएं

मृत्यु या हत्या

अमर बलिदान (लोक सभा में अटल जी के वक्तव्यों का संग्रह)

कैदी कविराय की कुण्डलियां

संसद में तीन दशक

अमर आग है

कुछ लेख : कुछ भाषण

सेक्युलर वाद

राजनीति की रपटीली राहें

इत्यादि।

अटल को मिलने वाले पुरस्कार

1992: पद्म विभूषण

1993: डी. लिट् (कानपुर विश्वविद्यालय)

1994: लोकमान्य तिलक पुरस्कार

1994: श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार

1994: भारत र‘ पंडित गोविद वल्लभ पंत पुरस्कार

अटल के जीवन के कुछ तथ्य

आजीवन अविवाहित रहे।

1. वे एक ओजस्वी एवं पटु वक्ता (ओरेटर) एवं सिद्ध हिन्दी कवि भी हैं।

2. परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की संभावित नाराजगी से विचलित हुए बिना उन्होंने अग्नि-दो और परमाणु परीक्षण कर देश की सुरक्षा के लिये साहसी कदम भी उठाये।

3. वर्ष 1998 में राजस्थान के पोखरण में भारत का द्बितीय परमाणु परीक्षण किया जिसे अमेरिका की सीआईए को भनक तक नहीं लगने दी।

4. अटल लम्बे समय तक सांसद रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया अपितु सफलता पूर्वक संचालित भी किया।

5. अटल ही पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

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