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भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री के दोनों निजी सचिव हटाए गए, CM दफ्तर के राडार पर थे

shalini
Published on: 7 Jun 2018 7:13 AM GMT
भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री के दोनों निजी सचिव हटाए गए, CM दफ्तर के राडार पर थे
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लखनऊ: योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर व भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह के भ्रष्टाचार के आरोपों पर योगी सरकार ने खुद मुहर लगा दी है। बेसिक शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार मंत्री अनुपमा जायसवाल के दोनों निजी सचिवों को भ्रष्टाचार के आरोप में हटा दिया गया है। मंत्री के दोनों निजी सचिव सीएम दफ्तर के राडार पर थे। बाल विकास पुष्टाहार विभाग में तबादलों को लेकर दोनों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीएम से शिकायत हुई थी। हटाए गए दोनों निजी सचिवों की जगह नये निजी सचिव की तैनाती भी हो गई है।

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बाल विकास पुष्टाहार विभाग के तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप

भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते बेसिक शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार मंत्री अनुपमा जायसवाल के दोनों निजी सचिवों अजीत जायसवाल और राजकुमार लाल को हटा दिया गया है। बाल विकास पुष्टाहार विभाग में हाल के दिनों में हुए तबादलों में इन दोनों निजी सचिवों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। जिस की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची थी। सीएम तक शिकायत पहुँचने के बाद से ही दोनों सीएम दफ़्तर के राडार पर थे। शिकायत की जाँच उच्च स्तर पर की जा रही थी। जाँच के दौरान इस बात पुष्टि हुई है, कि दोनों निजी सचिवों ने धन लेकर बाल विकास पुष्टाहार विभाग में तबादला एक्सप्रेस दौड़ाई है। जिस के बाद दोनों को हटा कर केंद्रीय अनुभाग से अटैच कर दिया गया है। इस डायरेक्टर बाल विकास पुष्टाहार से मंत्री अनुपमा जायसवाल ने तबादलों को लेकर आई शिकायतों लम्बी चर्चा की थी।

मंत्री और विधायक लगाते रहे हैं भ्रष्टाचार का आरोप

बेसिक शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार मंत्री अनुपमा जायसवाल के दोनों निजी सचिवों को भ्रष्टाचार की शिकायतों की पुष्टि होने के बाद योगी सरकार में बगावती मंत्री ओम प्रकाश राजभर और बलिया से भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह के उन आरोपों पर सीएम दफ्तर ने मुहर लगा दी है। जिस में मंत्री और विधायक अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे हैं। कैराना लोकसभा व नूरपुर विधान सभा उप चुनाव में भाजपा की हार के बाद सुरेन्द्र सिंह ने हार की वजह भ्रष्टाचार को बताया था।

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