TRENDING TAGS :
यूपी में भाजपा के हमले से सपा बसपा की बोलती बंद, BJP का रास्ता साफ
आरबी त्रिपाठी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में तो आज भारतीय जनता पार्टी का दिन है। इस पार्टी ने अपने विरोधियों पर इस कदर हमला किया है, कि वह चारो खाने चित हैं। बोलती बंद सी है। जो विरोधी स्वर फूट भी रहे हैं, वह खीझ भरे हैं। पार्टी के रणनीतिकारों ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के लखनऊ पहुंचने पर चार एमएलसी सीटों का ऐसा नायाब तोहफा दिया है, कि वह भी गदगद हैं।
ये हैं चार एमएलसी: सपा के एमएलसी यशवंत सिंह, बुक्कल नवाब और मधुकर जेटली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले इन नेताओं ने सपा और इसके नेताओं को कोसा भी है। इसी तरह बसपा के एमएलसी जयवीर सिंह ने भी पद और पार्टी छोड़ दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी लालच देकर हमारे एमएलसी तोड़ रही है। इसने बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक राजनीतिक भ्रष्टाचार फैला रखा है। एक स्कूल के उद्घाटन में पहुंचे अखिलेश मीडिया के सवालों पर ज्यादा कुछ कह नहीं पाए।
ये भी देखें:शाह के मास्टर स्ट्रोक के बाद अखिलेश ने दिए माया को चुनाव में समर्थन के संकेत
टूटने वालों के अपने एजेंडे : सपा और बसपा से जो एमएलसी टूटकर आए हैं, वह कोई भाजपाई नहीं हैं कि उनकी घर वापसी हो रही है। वह सब अव्वल दर्जे के स्वार्थी नेता हैं जो सिर्फ अपने फायदे के लिए ही काम करते हैं। सूत्र बताते हैं कि सबकी अपनी अपनी शर्तें हैं, जिन्हें भाजपा ने मान लिया है। यशवंत पूर्वांचल से हैं। रहे तो वह चंद्रशेखर के करीबी हैं, पर बाद में मुलायम सिंह यादव से नाता जोड़ लिया और सपा से एमएलसी बन गए। ठाकुरवादी छवि के इस नेता ने सरकार बनते ही योगी आदित्यनाथ की परिक्रमा शुरू कर दी थी।लगभग रोज भाजपा के किसी न किसी ठाकुर विधायक को पकड़ते थे। उसे चंद्रशेखर पर संपादित एक पुस्तक देते थे और फोटो खिंचाते थे।
कहते हैं, कि परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को विधान परिषद में इन्हीं की सीट से भेजा जाएगा। बदले में यशवंत को मंत्री का दर्जा दिया और मई 2018 में इन्हें एमएलसी का पद फिर से मुहैया करा दिया जाएगा। दूसरे एमएलसी बुक्कल नवाब अपनी कथित जमीनों के बदले सरकार से करोड़ों का मुआवजा चाह रहे हैं। अगर इस्तीफा नहीं देते तो मुआवजा तो दूर, जेल भी जा सकते थे। दोहरे लाभ के चक्कर में बुक्कल ने जयश्री राम बोलने में ही अपना भला समझा।
बुक्कल नवाब ने नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा अच्छा काम कर रही है। भाजपा में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि अगर बुलावा आता है तो वे जा सकते हैं। मधुकर जेटली अखिलेश यादव के करीबी रहे हैं और लखनऊ के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में प्रमुख रणनीतिक भूमिका में थे। इसी के बदले उन्हें एमएलसी बनाया गया था। सपा को गर्दिश में देख उन्हें भाजपा में ही अपना भविष्य दिखा और वह इस्तीफा दे बैठे।ऐसे ही बसपा के जयवीर सिंह भी पश्िचम में ठाकुरवादी राजनीति चमकाने में भाजपा का दामन थामना ही उचित माना।
ये भी देखें:भड़की माया : सत्ता की भूख हवस में बदल गई है, लोकतंत्र की हत्या कर रही बीजेपी
भाजपा को क्या क्या फायदे : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व मंत्री मोहसिन रजा को 19 सितंबर से पहले विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी है। किसी एमएलए से इस्तीफा लेकर वहां चुनाव लड़ने से बेहतर तरीका पार्टी को यह लगा कि उक्त नेताओं को एमएलसी क्यों न बना दिया जाए।
इससे विधान परिषद में पार्टी की ताकत भी बढ़ जाएगी। एक सीट पहले ही खाली हो चुकी है। इसलिए अब उक्त नेताओं को एलएमसी बना दिया जाएगा। चुनाव लड़ने के लिए केवल दो लोकसभा सीटें गोरखपुर और फूलपुर होंगी जो योगी आदित्यनाथ व केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने से खाली होंगी। पार्टी इन्हीं दो जगहों पर ताकत झोंककर सीटें निकालने की मशक्कत करेगी।