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इस जिले में नहीं हो रही गरीब बेटियों की शादी, ये है वजह

sudhanshu
Published on: 8 July 2018 10:53 AM GMT
इस जिले में नहीं हो रही गरीब बेटियों की शादी, ये है वजह
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सहारनपुर: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अधिकांश जनप्रतिनिधि ही रुचि नहीं ले रहे, जिसके कारण गरीब बेटियों के हाथ पीले नहीं हो रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की बेरुखी के कारण इस वित्तीय वर्ष में मंडल के शामली और मुजफ्फरनगर में अभी तक एक भी शादी नहीं हुई है। वहीं सहारनपुर में पांच ब्लॉक में एक भी सामूहिक विवाह कार्यक्रम नहीं हुआ है। सबसे हैरानी की बात ये है कि अब तक हुई शादियों में किसी ने बड़ा दान भी नहीं किया है।

दम तोड़ चुकी सीएम की खास योजना

गरीब बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शुरू की गई थी। पहले बेटियों के अभिभावक के खाते में धनराशि दी जाती थी। लेकिन योगी सरकार आने के बाद बेटियों की शादी कराने का जिम्मा स्थानीय प्रशासन के हाथो में दिया गया, जिसका नोडल समाज कल्याण विभाग है। समाज कल्याण विभाग की ओर से ही शादी के लिए धनराशि जारी की जाती है। लेकिन हैरानी है कि इस नेक काम में भी अधिकांश जनप्रतिनिधि हाथ पीछे खींच रहे हैं। प्रधान से लेकर विधायकों की ओर से अपने क्षेत्र की गरीब बेटियों की सूची मुहैया नहीं कराई जा रही। नतीजतन मंडल में मुजफ्फरनगर और शामली में इस वित्तीय वर्ष में कोई शादी नहीं हुई। वहीं सहारनपुर में भी महज 125 शादिया हुईं। देवबंद, नागल, रामपुर, नानौता और बलियाखेड़ी ब्लॉक ऐसे हैं, जिनमें एक भी सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं हुआ।

नहीं हुआ खास कन्‍यादान

गरीब बेटियों की शादी में सहयोग करना पुण्य का कार्य समझा जाता है। लेकिन अधिकांश जनप्रतिनिधियों को इससे कोई सरोकार नहीं। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में इन्होंनें हाथ पीछे खींच लिए हैं। जब सरकार की इस योजना का ये हाल है तो बाकि का अंदाजा खुद ब खुद लगाया जा सकता है।

सहारनपुर की बात करें तो पिछले साल 275 सामूहिक विवाह हुए थे। इस साल 125 सामूहिक विवाह हो चुके हैं। लेकिन अब तक के विवाह आयोजन में जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई खास कन्यादान नहीं किया गया। वहीं अपने परिचित के विवाह में कन्यादान की मोटी धनराशि देकर डंका पिटवाया जाता है।

उपनिदेशक समाज कल्याण विभाग कृष्णा प्रसाद ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में मुजफ्फरनगर और शामली में कोई विवाह नहीं हुआ। वहीं सहारनपुर में पांच ब्लॉक ऐसे हैं, जहां पर भी सामूहिक विवाह के आयोजन नहीं हो सके।

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