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Punjab News: बढ़ी CM अमरिंदर की मुसीबत, किसान आंदोलन से ट्रेन सेवा अस्तव्यस्त
Punjab News: पंजाब में गन्ना कीमतें बढ़ाने की मांग को लेकर किसान उग्र हो उठे हैं। उनके सड़कों और रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर देने का व्यापक असर पड़ा है जिसके चलते 50 ट्रेनें रद कर दी गई हैं।
Punjab News: दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन (Kisan Andolan) अभी शांत नहीं हो पाया है उधर पंजाब में गन्ना कीमतें बढ़ाने की मांग को लेकर किसान उग्र हो उठे हैं। उनके सड़कों और रेलवे ट्रैक (Railway Track) को अवरुद्ध कर देने का व्यापक असर पड़ा है जिसके चलते 50 ट्रेनें रद (Train Cancelled) कर दी गई हैं। तथा 54 ट्रेनों को या तो बीच में ही रोक दिया गया है या रुट बदल कर चलाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में भी बरेली व मुरादाबाद में दो ट्रेनों को रोक दिया गया है।
बढ़ते गन्ना बकाये और कम राज्य समर्थित कीमतों (एसएपी) को लेकर दोआबा क्षेत्र के हजारों किसान भड़क गए हैं। आंदोलन के पहले दिन शुक्रवार को जालंधर-फगवाड़ा हाईवे पर धनोवली रोड पर करीब 20 हजार किसानों ने धरना दिया। आंदोलन के दूसरे दिन किसान आंदोलन और व्यापक हो गया है। कई किसान रेल ट्रैक पर भी धरने पर बैठ गए हैं।
आंदोलन के चलते रेलवे सेवा हुई अस्तव्यस्त
किसान आंदोलन के कारण फिरोजपुर रेल मंडल की सिफारिश पर नॉर्दन रेलवे ने 14 ट्रेनें रद कर दी है। इनमें अमृतसर से मुंबई सेंट्रल, अमृतसर से देहरादून, जम्मूतवी से नई दिल्ली, जम्मूतवी से बनारस, जम्मूतवी से गुवाहाटी, अमृतसर से चंडीगढ, जम्मूतवी से पुणे, माता वैष्णो देवी कटरा से नई दिल्ली, होशियारपुर से पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटरा, नई दिल्ली से जम्मूतवी, दिल्ली सराय रोहिल्ला से जम्मूतवी, अमृतसर से चंडीगढ़, जम्मूतवी से दिल्ली सराय, नई दिल्ली से अमृतसर, सहरसा से अमृतसर, चंडीगढ़ से अमृतसर, नई दिल्ली से जालंधर सिटी, सहरसा से अमृतसर, जम्मूतवी से बनारस, बांद्रा टर्मिनल से अमृतसर, श्री हजूर साहिब नांदेड़ अमृतसर, सहरसा से अमृतसर की ट्रेन ट्रेनें कैंसिल होने से रेलयात्री मुसीबत में है।
क्यों कर रहे किसान आंदोलन
किसानों का कहना है कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार को पिछले कई वर्षों से मांग पत्र दिए जा रहे हैं लेकिन राज्य सरकार (Captain Amarinder Singh Government) की ओर से लगातार अनसुनी ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। किसानों ने गन्ने के एसएपी को कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाने की मांग की है।
दोआबा किसान यूनियन के अध्यक्ष कुलदीप सिंह (Kuldeep Singh) का कहना है कि पंजाब सरकार (Punjab Government) ने हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। छह साल से सरकार ने गन्ने के एसएपी की दरों में वृद्धि नहीं की है। उर्वरक, लेबर, डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। 2017 में जब सरकार आई थी तो रेट में सिर्फ 10 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी जबकि 20 रुपये का वादा किया था। अगर वे हर साल इतना भी बढ़ा देते, तो हमें शिकायत नहीं होती। लेकिन हमें गन्ने का एसएपी कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल चाहिए।
हरियाणा के बराबर मिले एसएपी दर
उन्होंने कहा, "सरकार पर पिछले पांच वर्षों से पहले से ही हमारा 2,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। वे हमारे भुगतान को मंजूरी नहीं दे रहे हैं। चीनी मिलों का 56 करोड़ रुपये बकाया है। हम कम से कम हरियाणा के बराबर गन्ना एसएपी दर प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जब तक सीएम बैठक में नहीं आएंगे, तब तक कोई फैसला नहीं हो सकता। फैसला राज्य सरकार को लेना है।"
संयुक्ता किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के तहत 32 किसान संघों ने जालंधर आंदोलन का समर्थन किया, जबकि पांच दोआबा यूनियनें जो मुख्य रूप से मोर्चा में शामिल हैं, जिनमें दोआबा किसान संघ, भारतीय किसान संघ, दोआबा किसान संघर्ष समिति और माझा किसान संघर्ष समिति शामिल हैं।
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